मकड़ाई समाचार भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के बीच पंचायत चुनाव की तैयारियों में भी तेजी देखी जा रही है। दरअसल नगर निकाय चुनाव का मामला अभी तक कोर्ट में लंबित है। ऐसी स्थिति में निर्वाचन आयोग प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारी में है। माना जा रहा है कि प्रदेश में नवंबर के अंतिम सप्ताह में पंचायत चुनाव करवाए जा सकते हैं। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बची हुई तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया गया है।
दरअसल मध्यप्रदेश में 21 अक्टूबर को राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में पंचायत चुनाव के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इससे पहले पंचायत विभाग को जिला जनपद और ग्राम पंचायत स्तर के पदों के आरक्षण के आदेश दिए गए हैं।
मामले में राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने कलेक्टर की मीटिंग की पुष्टि करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। इस पत्र में राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव ने सभी कलेक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इससे पहले पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सभी पदों पर आरक्षण लागू करने के निर्देश दिए गए थे।। साथ ही आरक्षण की प्रक्रिया पूरी तरह अपडेट करने की बात भी कही गई थी।
चर्चाओं की माने तो आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होते ही चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिए जाएंगे। वही माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा हो सकती है। इसके लिए निर्वाचन आयोग अपने स्तर पर तैयारी पूरी कर चुका है। इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। वही अब आरक्षण मामले में 21 अक्टूबर को बड़ी बैठक आयोजित की जाएगी।
इससे पहले राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने आगामी प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावको देखते हुए पंचायत चुनाव से पहले सभी उम्मीदवारों की सूची, शपथ पत्र, जीतने के बाद पंचायत प्रतिनिधियों की जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे।
इधर प्रदेश में होने वाले के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत की आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। वहीं अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया का ब्यौरा की मांग की है। जिला पंचायत के सदस्य पद के लिए अध्यक्ष पद का आरक्षण होना बाकी है। जिसकी तरफ राज्य निर्वाचन आयोग ने आरक्षण के ब्यौरा की मांग की थी।
प्रदेश में पंचायत के चुनाव होने हैं। जहां प्रदेश के कुल 407 नगर निकाय में से 307 का कार्यकाल 25 सितंबर 2020 को समाप्त हो चुका है। जबकि आठ नगर निकाय का कार्यकाल जनवरी और फरवरी 2021 में पूरा हो चुका है। इसके अलावा 3 स्तरीय पंचायत में पंच सरपंच जनपद सदस्य का कार्यकाल भी मार्च 2021 में समाप्त हो चुके हों। जबकि 29 नगर परिषदों में चुनाव होना भी बाकी है। जानकारी के मुताबिक जिला और जनपद पंचायत के सदस्यों के चुनाव ईवीएम से होंगे जबकि ग्राम पंचायत के चुनाव मतपत्र द्वारा कराए जाएंगे।


