ब्रेकिंग
Big News Mp: प्रदेश में सबसे बड़ी जीत एक लाख सात हजार से अधिक, तो सबसे छोटी जीत मात्र 28 वोट से 5-5 ... Big News: म.प्र. में कौन बनेगा सीएम....किसके सिर पर सजेगा ताज कौन - कौन है प्रबल दावेदार... Mp News: बैरागढ़ पुलिस को चकमा देकर फरार हुआ था आरोपित, ससुराल में पकड़ाया | Big News: 7 वार के विधायक व कृषि मंत्री को हरा दिया इस मजदूर ने, बना विधायक, बेटे को दंगाइयों ने मार... Indore News: रमेश मेंदौला ने प्रदेश में रिकार्ड मतो से चुनाव जीता जानिए पूरी जानकारी.... Tiger 3 : टाइगर 3 ओटीटी पर हो गई रिलीज, जानें कहां देख सकते हैं फिल्म Hero Splendor Bike : 180 दिन पुरानी बाइक मात्र 30,000 में खरीदें, देंखें डिटेल Aadhaar Card UIDAI News : आधार कार्डधारकों जल्द कर ले ये काम, नहीं कराया तो होगा बड़ा नुकसान PM Kisan Yojana : किसानों को मिली गुड न्यूज, इस दिन आ सकतीं हैं 16वीं किस्त, जानें Aaj ka rashifl: आज दिनांक 04/12/2023 का राशिफल जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे

वन विभाग के अमले पर खदान माफियाओं ने बरसाई ताबड़-तोड़ फायरिंग, जान बचाकर भागे कर्मी

मकड़ाई समाचार मुरैना। मुरैना जिले (Morena district) में दबंगों और माफियाओं के हौसले बुलंद होते नज़र आ रहे हैं। ताज़ा मामले में जिले के रिठौरा थाना क्षेत्र के ग्राम पडावली में खदान माफियाओं ने वन विभाग के हमले पर उलट फायरिंग कर दी जिसके डर से वन अमले को वापस उल्टे पांव भागना पड़ा। बताया जा रहा है कि माफियाओं के द्वारा फायरिंग में करीब 50 से 60 राउंड फायर किए गए हैं। हालांकि हमले में किसी भी वनकर्मी को हामी नहीं पहुंची हैं।

वन विभाग के अमले के सदस्यों का कहना है कि हमले के दौरान अगर विभाग वापस नहीं लौटता तो उनकी जान चली जाती। लेकिन वहीं दूसरी तरफ विभाग के अधिकारी कुछ और ही बयान दे रहे हैं। उनके अनुसार अमला भागा नहीं है बल्कि अमले को देखकर उल्टे खदान माफिया फायरिंग करने के बाद भाग गए। जानकारी के अनुसार डिप्टी रेंजर जितेंद्र सोलंकी को सूचना मिली थी कि पड़ावली गांव स्थित पुरातत्व विभाग के रेस्ट हाउस के सामने सरकारी जमीन से पत्थरों का अवैध उत्खनन हो रहा है। रात को सवा 10 बजे के करीब वन विभाग की टीम वहां पहुंची तो यहां स्थित जमीन से पत्थरों का उत्खनन करने में दो जेसीबी लगी हुई थीं। जैसे ही वन विभाग की टीम ने पत्थरों का अवैध उत्खनन रुकवाकर, जेसीबी को कब्जे में लेने का प्रयास किया तो अंधेरे में पुलिस पर पत्थरों से हमला शुरू हुआ, फिर फायरिंग होने लगी। दोनों के बीच मुठभेड़ में माफियाओं ने 50 से 60 गोलियां चलाईं। इस दौरान वनकर्मी पत्थरों की खदान के गड्ढों व पत्थरों के पीछे लेट गए। जब फायरिंग बंद हुई तो वनकर्मी जान बचाकर वहां से भागे।

बता दें की खदान माफियाओं के द्वारा की गई फायरिंग से डरकर उल्टे पांव वापस भागने पर वन विभाग की काफी किरकिरी हुई है। विभाग के अधिकारी यह कहते हुए नज़र आ रहे हैं कि वन अमला भागा नहीं है बल्कि वन अमले को देखकर खदान माफिया भाग गए। जबकि देखा जाए तो वन अमले को पता था कि खदान माफियाओं की संख्या करीब सौ से अधिक है जो हथियारों के साथ छुपे हुए थे। तो वहीं वन विभाग के पास पर्याप्त बल नहीं था जिस कारण खदान माफियाओं को देखते हुए वन विभाग का अमला उल्टे पांव वापस आ गया। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी वन अमले के साथ होते तो अमला माफियाओं के डर से उल्टे पांव वापस नहीं भागता बल्कि माफियाओं के कब्जे से मशीनों को जप्त करने की कार्रवाई करता। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हम ने पुलिस को फोन कर कहा था कि फ़ोर्स भेजी जाए, लेकिन पुलिस नहीं आई इसलिए माफियाओं की संख्या अधिक होने के कारण वन अमले को वापस लौटना पड़ा। वहीं इस पूरे मामले में रिठौरा थाना प्रभारी संजय किरार का कहना है कि जब  फोर्स लेकर मौके पर पहुंचे तब तक वन विभाग का अमला खदान के पास से जा चुका था, इसलिए पुलिस भी वापस थाने आ गयी।

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Don`t copy text!