कोलकाताः पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली महिला क्रिकेट टीम की सबसे सीनियर खिलाड़ी मिताली राज को इंग्लैंड के खिलाफ विश्व टी20 के सेमीफाइनल में बाहर किए जाने से हैरान नहीं है और उन्होंने कहा कि जब वह अपने करियर के चरम पर थे तब उन्हें भी इसी तरह से बाहर किया गया था।
12 साल पहले समय को गांगुली ने किया याद
गांगुली ने कहा, ‘‘ भारत की कप्तानी करने के बाद मुझे भी डगआउट में बैठना पड़ा था। जब मैंने देखा कि मिताली राज को भी बाहर किया गया है तो मैंने कहा, ‘इस ग्रुप में आपका स्वागत है’। ’’ इस 46 वर्षीय खिलाड़ी ने पाकिस्तान के खिलाफ 2006 में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच को याद करते हुए कहा, ‘‘कप्तान आपको बाहर बैठने के लिए कहते हैं तो वैसा करो। मैंने फैसला बाद में ऐसा किया था। मैं 15 महीने तक वनडे नहीं खेला जबकि मैं संभवत वनडे में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहा था। जिंदगी में ऐसा होता है। कभी कभी दुनिया में आपको बाहर का रास्ता भी दिखाया जाता है।’’

वनडे टीम की कप्तान मिताली ने पाकिस्तान और आयरलैंड के खिलाफ अर्धशतक जमाए लेकिन उन्हें आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम लीग मैच से विश्राम दिया गया और इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी उन्हें अंतिम एकादश में नहीं रखा गया जिसमें भारत को आठ विकेट से करारी हार झेलनी पड़ी। गांगुली ने हालांकि कहा कि मिताली के लिए रास्ते अभी बंद नहीं हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको हमेशा यह याद रखना चाहिए कि आप सर्वश्रेष्ठ हो क्योंकि आपने कुछ अच्छा किया है और मौका फिर से आएगा। इसलिए मिताली राज को बाहर बैठने के लिए कहने पर मुझे निराशा नहीं हुई। मैं मैदान पर प्रतिक्रियाओं को देखकर निराश नहीं हूं। लेकिन मुझे निराशा है कि भारत सेमीफाइनल में हार गया क्योंकि मुझे लगता है कि वह आगे बढ़ सकता था। ऐसा होता है कि क्योंकि कहा भी जाता है कि जिंदगी में कोई गारंटी नहीं है।’’

