किसानों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वीरवार को देश भर से हजारों किसान कर्ज में राहत और उपज के उचित मूल्य समेत अपनी कई मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए दो दिन के प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय राजधानी में जुटने शुरू हो गए हैं।
किसान नेताओं ने बताया कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों के किसान तीन बड़े रेलवे स्टेशनों आनंद विहार, निजामुद्दीन तथा सब्जीमंडी के बिजवासन से आएंगे और राष्ट्रीय राजधानी में चार अलग मार्गों पर मार्च करेंगे। मार्च करने वाले सभी किसान शाम तक रामलीला मैदान पर एकत्रित हो जाएंगे। दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के किसान यहां आना शुरू हो गए हैं।
अखिल भारतीय किसान सभा की दिल्ली इकाई में पदाधिकारी कमला ने बताया कि किसान मजनूं के टीला पर भी पहुंच गए हैं, वहां से वे रामलीला मैदान जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि दोपहर तीन बजे तक देशभर के किसान रामलीला मैदान में आ जाएंगे। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की रैली के लिए उन्होंने व्यापक बंदोबस्त किए हैं। पुलिस ने 11 मूर्ति, ताल कटोरा, कनॉट प्लेस, रंजीत सिंह फ्लाइओवर व आसपास के मार्ग से बचने की लोगों को सलाह दी है।

किसानों के समर्थक ट्विटर पर आम लोगों से मार्च में शामिल होने का अनुरोध कर रहे हैं। राजनीतिक कार्यकर्ता योंगेंद्र यादव ने ट्वीट किया कि किसान मुक्ति मार्च शुरू करने जा रही महिला किसानों ने बिजवासन में हमारा अभिवादन किया। आप किसान नहीं हैं तो भी हमारे साथ आएं। उन हाथों को थामें जो हमारा पेट भरते हैं। जय किसान। अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट में लिखा कि किसानों के साथ खड़े होने की जरूरत है।

