राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अलवर में प्रचार करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा बजरंगबली पर दिए गए बयान पर विवाद शुरू हो गया है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश के हरदोई में लोगों ने सीएम योगी के बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन किया। जानकारी के मुताबिक, हरदोई के नुमाइश चौराहा स्थित मंदिर में लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बुद्धि शुद्धि के लिए हवन किया। ये लोग हनुमान जी को कथित रूप से दलित बताए जाने पर नाराज हैं।
आपको बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान मालाखेड़ा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि एक ऐसा लोक देवता हैं, जो अब स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलति हैं, वंचित हैं। पूरे भारतीय समाज को उत्तर से लकेर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंग बली करते हैं। योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद हंगामा शुरू हो गया।
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस बयान का विरोध जताया। दिग्विजय सिंह ने लिखा कि बीजेपी का अजेंडा हैं कि राम मंदिर विवाद चलता रहे, हजारों करोड़ की मूर्तियां बनावाओ, हनुमान जी को जातिवर्ग में शामिल करो, विज्ञान को पीछे करके किवदंतियों को आगे लाओ और जुमलों के सहारे जनता को सपने दिखाओं। दिग्विजय सिंह के इस हमले पर बीजेपी सांसद उदित राज का बयान आया।

उदित राज ने रहा कहा कि स्थापित हो चुका हैं कि राम राज्य के समय भी दलित हुआ करते थे। उस समय जाति व्यवस्था थी। ललोग चुनाव में कहते हैं कि जाति के हिसाब से वोट नहीं पड़ना चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। लोगों का जोर जाति पर ही ज्यादा होता हैं, तभी योगी जी ने जाति के नाम पर अपील की हैं।
आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर राजस्थान के ब्रह्माण सभा ने योगी को कानूनी नोटिस भेजा हैं। इस पर ब्रह्माण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने कहा कि बजरंगबली की पूजा हर जगह होती हैं। उनके प्रति हिंदू समाज की गहरी आस्था हैं। ऐसे में उन्हें दलित बताकर जातिगत सियासत का कार्ड खेलना बेहद शर्मनाक हैं। इससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। योगी को अपने बयानों के लिए माफी मांगनी चाहिए।

