इस रॉबर्ट वाड्रा का कहना हैं कि विवाद में मेरा नाम घसीटा जाना बीजेपी का प्लान ‘B’ है, ताकि राजस्थान चुनाव से पहले लोगों का ध्यान भटकाया जा सके। एक अग्रेंजी साइट के मुताबिक, दो महीने पहले ईडी के तत्कालीन निदेश करनैल सिंह ने कमीशन से बीपीएसल केस से जुड़ी जानकारी मांगी थी। जिसके बाद कमीशन ने जवाब दिया कि सारे रिकॉर्ड जलकर खाक हो गए हैं। आरोप है कि 2011-12 में आयकर विभाग ने ‘भूषण पावर एंड स्टील’ ने रॉबर्ट वाड्रा की जमीन खरीदने के लिए एलीजीनी कंपनी को 5.64 करोड़ का लोन दिया था। बाद में एलेजनी ने इस पैसे से वाड्रा की कंपनी स्काइ लाइट हॉस्पिटैलिटी से बीकानेर की जमीन खरीदने का आरोप लगाया।
Enforcement Directorate has summoned Robert Vadra in the land deal case. More details awaited pic.twitter.com/XkjFMu2Q2h
— ANI (@ANI) November 30, 2018
इस दौरान दिसंबर 2011 में आयकर विभाग ने बीपीएसएल को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया और 2004-05 के दौरान कंपनी के कई खातों में 800 करोड़ से ऊपर के लेनदेन की जानकारी मांगी। जिसके बाद बीपीएसएल के सेटलमेंट कमीशन ने 800 करोड़ के उस रमक को घटाकर 317 करोड़ रुपए दिथा और सीधे 500 करोड़ की राहत दी। यही नही, पैनल ने कानूनी प्रक्रिया और जुर्माने से भी राहत दे दी।

मामले को लेकर सेटलमेंट कमीशन के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने कहा कि इस आदेश को पास हुए पांच साल से अधिक का समय हो गया है। यह काफी पहले का है और मुझे इसके ब्योरे के बारे में जानकारी नहीं है। इसी कमीशन ने अंतिम आदेश को पास किया था. एलेजेनी की रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास की गई फाइलिंग में बीपीएसएल को लोन के भुगतान का जिक्र नहीं है।

