राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अलवर में प्रचार करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा बजरंगबली पर दिए गए बयान पर विवाद शुरू हो गया है। इस बयान पर अब अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय का बयान सामने आया हैं। नंद कुमार साय ने कहा कि लोग यह समझते हैं कि राम की सेना में भालू थे, वानर थे, गिद्ध थे… हमारा जनजाति समाज अलग-अलग है, कंवर समाज में ‘हनुमान’ गोत्र अलग से है, राम के साथ लड़ाई में ये लोग गए थे।
नदं कुमार साय ने कहा कि हनुमान जी दरअसल दलित नहीं थे, जनजाति के थे। आदिवासियों में कई जनजातियों का वानर गोत्र होता हैं, इसी आधार पर हनुमान को वानर कहा गया। इस बयान के बाद अब लोग सोशल मीडिया पर खूब आलोचना कर रहे हैं। आपको बता दें कि चुनाव प्रचार के दौरान मालाखेड़ा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि एक ऐसा लोक देवता हैं, जो अब स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलति हैं, वंचित हैं। पूरे भारतीय समाज को उत्तर से लकेर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंग बली करते हैं। योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद हंगामा शुरू हो गया।

आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर राजस्थान के ब्रह्माण सभा ने योगी को कानूनी नोटिस भेजा हैं। इस पर ब्रह्माण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने कहा कि बजरंगबली की पूजा हर जगह होती हैं। उनके प्रति हिंदू समाज की गहरी आस्था हैं। ऐसे में उन्हें दलित बताकर जातिगत सियासत का कार्ड खेलना बेहद शर्मनाक हैं। इससे हिंदू समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। योगी को अपने बयानों के लिए माफी मांगनी चाहिए।

