मुकेश पांडेय
मकड़ाई समाचार हरदा। हरदा सांप्रदायिक सद्भाव का पर्यायवाची है। ऐसा कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि आए दिन साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल और नज़ीर हरदा पेश करता है। आज भी ऐसी मिसाल पेश हुई। इरशाद खान जो पेशे से रंगकर्मी हैं। वे पहले भी रक्तदान का पुण्य कमा चुके हैं। उन्हें ब्लड बैंक के डॉ अली का संदेश मिला कि एक गर्भवती महिला जिसे एक से अधिक यूनिट ब्लड की जरूरत है। बस फिर क्या था। बी पॉजिटिव ब्लड और पॉजिटिव ब्लड की शख्सियत के मालिक इरशाद ने अभी कुछ देर पहले ब्लड दिया। हालांकि पवित्र रमज़ान माह के रोज़ेदार इरशाद के ब्लड देने के बाद उन्हें ब्लड बैंक में जूस दिया गया। रस्मी तौर पर तो उनका आज का रोज़ टल गया। लेकिन मानवता को ज़िंदा रखने और इंसान की मदद करने के जज्बे के लिहाज से ये रोजा कामयाब साबित हुआ।
इरशाद ने मोबाइल पर बताया कि सिराली के पास की बहन सीमा राजपूत को खून की आवश्यकता थी। चूंकि एक से अधिक यूनिट की ज़रूरी थी। इसलिए मैंने इसे ईश्वर का आदेश मानकर अपना दायित्व निभाया है।
खरगोन घटना पर दुख जताते हुए वे कहते हैं इमामे हिन्द के जुलूस के दौरान पथराव की घटना दिल तोड़ने वाली है। हम लोग जोड़ में यकीन रखते हैं इसलिए ये घटना बहुत तकलीफ देह है। उन्होंने बहुत भारी मन से कहा कि आखिर ऐसा कोई कैसे कर सकता है। इरशाद ने कहा कि पवित्र रमजान माह में रामनवमी के पवित्र दिन ऐसी घटनाएं हमसे मनुष्यता का तमगा छीनती हैं।
