प्रतिवर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी दशहरा पर्व मनाया जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार दशहरा पर्व पर इस बार पांच अद्भुत संयोग बने हैं।जिनका लाभ अधिकाधिक उठाया जा सकता है। दशमी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 5.44 बजे से दशहरे के दिन पूजा का समय 2 घंटे 15 मिनट तक
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 हरदा। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा पर्व मनाया जाता है। इससे पहले आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। रामायण और रामचरित मानस के अनुसार दशहरे के दिन अर्थात आश्विन मास की शुक्लपक्ष की दशमी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था। तब ही प्रतिवर्ष आश्विन मास की दशमी तिथि को विजयादशमी मनाई जाती है। दशहरा पर्व पर इस बार पांच अद्भुत संयोग बने हैं।
दशहरा तिथि – आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 5.44 बजे प्रारंभ होकर अगले दिन 24 अक्टूबर को दोपहर 3.14 बजे समाप्त होगी।
विजय मुहूर्त– विजय मुहूर्त दोपहर 1.58 बजे से 2.43 बजे तक।
दशहरा पूजा समय – दशहरे के दिन पूजा का समय 2 घंटे 15 मिनट तक है। विजयादशमी के दिन पूजा का शुभ समय दोपहर 1.13 बजे से 3.18 बजे तक रहेगा।
रवि योग – दशहरे पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 06.27 बजे शुरू होकर दोपहर 03.28 बजे तक रहेगा। इसके बाद शाम 06.38 बजे से पूरी रात रहेगा।
वृद्धि योग – ज्योतिषियों के अनुसार दशहरा पर अत्यंत लाभकारी वृद्धि योग बन रहा है। यह शुभ योग 25 अक्टूबर को दोपहर 3.40 बजे से दोपहर 12-14 बजे तक रहेगा।
करण
दशहरे के दिन दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक गर करण रहेगा। इसके बाद पूरी रात वणिज करण है। वणिज एवं गर करण शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम माने गए हैं।
सूर्योदय : सुबह 06.27 पर।
सूर्यास्त :शाम 05.43 पर।
पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त . सुबह 04.45 से सुबह 05.36 तक।
अभिजीत मुहूर्त . सुबह 11.43 से 12.28 तक।
गोधूलि बेला मुहूर्त . शाम 05.43 से 06.09 तक।
निशिता मुहूर्त . रात्रि 11.40 बजे से 12.31 बजे तक।