होटल राज रेसीडेंसी के कमरा नंबर 112 में चल रहा था जुआ, हरदा खिरकिया के 8 जुआरी पकड़ाए , पुलिस ने जब्त किए ताश के 52 पत्ते और हजारों रुपया नगदी
हरदा। हरदा जिले में होटल लाज में कई जगह देह व्यापार और अवैध गतिविधियों के कार्य लंबे समय से चल रहे है। पहली बार होटल में जुआ पकड़ा गया। वही कुछ बाहरी युवतियों सहित स्कूल कालेज की छात्रा ओ को भी होटल वाले किराए से कमरे उपलब्ध करवाते है। पूर्व में इसी होटल के कथित आरक्षित कमरा नंबर 106 में अवैध गतिविधियों की सूचना काफी चर्चा में रही थी। मकड़ाई एक्सप्रेस ने उस मामले में प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर पुलिस प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया था।
लंबे समय से कुछ नशे के सौदागरो के द्वारा एमडी ड्रग्स जिले में बेचा जा रहा है। फिलहाल कई युवा इसके नशे की लत के शिकार भी हो चुके।
हरदा एसपी अभिनव चौकसे के द्वारा एम डी ड्रग्स को लेकर कार्यवाही भी की है। वही जुआरियों पर नकेल कसते हुए सिटी कोतवाली को जुआरियों को पकड़ने में सफलता हासिल की।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार: बीती 19 अगस्त की मध्य रात्री को थाना कोतवाली पुलिस को मुखवीर से सूचना प्राप्त हुई की हरदा एक होटल के कमरे में कुछ लोग ताश के पत्तों पर हार जीत का दाब लगा कर जुआ खेल रहे है । सूचना प्राप्त होते ही थाना कोतवाली टी आई प्रह्लाद सिंह मर्सकोले के द्वारा पुलिस द्वारा टीम बना कर होटल रवाना किया गया जहाँ होटल के कमरा न. 112 में कुछ लोग जुआ खेलते पाये गये पुलिस के आते ही जुआरियों में अफरातफी मच गई ओर भागने की कोशिश करने लगे । पुलिस द्वारा जुआ खेल रहे 08 जुआरिओं को भागने का मौका न देते हुये पकड़ लिया । पुलिस द्वारा जुआ के फड एवं जुआरियों से कुल 56660 रूपये एवं 52 ताश के पत्ते जप्त किये । जुआ खेल रहे व्यक्तियों के विरूद्ध धारा ¾ जुआ एक्ट के तहत मामला कायम किया गया ।
पकड़े गए जुआरियों के नाम:
1 इशांत बालानी पिता सुरेश कुमार बालानी ब्रज धाम कॉलोनी हरदा
2 आशीष माहेश्वरी पिता रमेश चंद माहेश्वरी खिरकिया छिपावन
3 आकाश कुशवाहा पिता कैलाश कुशवाहा
4 आशीष डीडवानी पिता चंद्र लाल डीडवानी खिरकिया
5 सुनील दशोर पिता मोतीलाल दशोर खिड़कियां
6 नितिन लालवानी पिता इंद्र कुमार लालवानी हरदा
7 स्नेहिल पिता अनिल पाराशर खिरकिया
8 दीपक परिहार पिता लेखराज परिहार सिंधी कॉलोनी हरदा
उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी प्रहलाद मर्सकोले , उनि. सीताराम पटेल , सउनि सुरेन्द्र श्रीवास्तव , आर. 326 वीरेन्द्र का विशेष योगदान रहा ।