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हरदा : लोक गायिका मिशा शर्मा एक ऐसा नाम जिसकी तारीफ भजन सम्राट अनूप जलोटा भी कर चुके! हरदा जिले सहित मध्यप्रदेश का नाम कई अवसरों पर किया रोशन। देखे जीवन परिचय

हरदा जिले की लोक गायिका मिशा शर्मा का जन्म बिहार के ग्राम+ पोस्ट:अमहारा थाना बिहटा जिला पटना में सन् 04/03/1993 को पाठक घराने के संगीत परिवार में जन्म हुआ है। और मल्लिक घराने से ताल्लुक रखती हैं। इनके परिवार में सितार और पखावज वादन की परम्परा है । नाना जी (मल्लिक घराने)के यहां ध्रुपद गायन की परम्परा है। लेकिन नियति ने इनके जीवन में कुछ और ही कहानी लिखीं थी । जब ये छोटी थी तभी इनके पिता श्री घर छोड़कर लापता हो गए थे । जिसके कारण इन्हें अपने जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। इनके पिता के लापता हो जाने के बाद घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी की इन्हें कभी खाना खाने के लिए भोजन मिलता तो कभी खाना खाने को नहीं मिलता था।आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण धीरे धीरे सभी परिजनों ने साथ छोड़ दिया सभी परिवार के लोगों ने आना जाना बंद कर दिया था। इन्होंने कभी किसी भी रिश्तेदार को नहीं देखा है इनकी मां बताती हैं की इनके दादा जी के घर हर व्यक्ति कलाकार हैं और नाना जी के घर भी सब कलाकार हैं । लेकिन कभी भी किसी ने भी इन्हे अपनाया नही सभी ने इन्हे बुरी परिस्थिति में छोड़ दिया और आपने घर गृहस्थी में वो लोग आगे बढ़ते गए और एक बार भी इन्हे सहारा नहीं दिया ।

इसलिए इन्होंने आज तक कभी भी अपने बायोडाटा में अपने पाठक घराना और मल्लिक घराने की चर्चा कभी नहीं की ये चाहती थी की ये खुद से कुछ कर दिखाए ।

मिशा शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा अमहारा गांव में ही पहली से पांचवीं तक हुई है इनकी घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी की ये स्कूल फीस भी नहीं भर पाती थी स्कूल के प्रिंसिपल फीस माफ कर दिया करते थे ।आगे की शिक्षा दीक्षा 6 से 9 तक की पढ़ाई पटना के श्री रघुनाथ प्रसाद बालिका उच्च विद्यालय में हुई थी यहां भी विद्यालय की फीस पवन मैम भरती थी । फिर जब यह दसवीं कक्षा में पढ़ रही थी तो पिता जी को खोजते खोजते परिवार के सभी लोग मध्यप्रदेश आ गए।

जिसके कारण इनकी आगे की शिक्षा दीक्षा 10/12 की परीक्षा मध्यप्रदेश की राज्य ओपन से की इन्हे स्कूल समय से ही गायन और नृत्य में रुचि थी, ये स्कूल में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया करती थी। इन्होंने बिहार की संस्कृति को भी देखा है।

इनकी शादी मध्यप्रदेश के ग्राम+पोस्ट गोंदागांवकला तहसील टिमरनी जिला हरदा में एक कृषक और लोक कलाकार परिवार में हो गई। जिसके बाद आगे की शिक्षा दीक्षा उनके पति लोक गायक श्री सुमित शर्मा जी ने मिशा शर्मा जी की संगीत मे रुचि को देखते हुए इन्हे संगीत में प्रयागराज से प्रभाकर और राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय से शास्त्रीय गायन में बी .पी.ए की पढ़ाई करवाई और निमाड़ी लोकगीत और संत सिंगाजी के निर्गुण पदो का गायन श्री सुमित शर्मा जी ने सिखाया और शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ग्वालियर घराने के प्रख्यात गायक श्री विजय सप्रे गुरु जी से निशुल्क गुरु शिष्य परम्परा में सिखाया है।

और इन्हे पद्मश्री आदरणीय गुंदेचा ब्रदर्स गुरु जी और भजन सम्राट आदरणीय अनूप जलोटा गुरु जी का भी सानिध्य प्राप्त है आप इनसे भी निशुल्क संगीत की शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। आपकी शादी को 13 साल हो गए हैं और आप निमाड़ की लोक संस्कृति का संरक्षण करने का कार्य विगत आठ वर्ष से कर रही हैं आप निमाड़ लोक गीत और संत सिंगाजी के निर्गुण पदो का गायन कर रही है आप राष्ट्रीय लोक कलाकार है और आप निमाड़ की लोक संस्कृति को संरक्षित करने के लिए और युवाओं एवं बच्चो को लोक संगीत से जोड़ने के लिए आप लोग शर्मा दंपति ने गरीब बच्चो को निशुल्क संगीत की प्रशिक्षण देती हैं । और आप हमेशा धार्मिक स्थल और सामाजिक स्थल और सांस्कृतिक कार्यक्रम में विशेष रूप से पारम्परिक परिधान ही पहनती हैं । और ये पारंपरिक निमाड़ी लोकगीतों को ही गाती है

जहां आज कल के कलाकार फिल्मी तर्ज पर कुछ भी मनगढ़ंत निमाड़ी लोकगीत गीत बनाकर गाते हैं। और बच्चो और युवाओ को भ्रमित कर रहे हैं वही सुमित मिशा शर्मा दंपति निमाड़ /भुआणा की सदियों पुराने पारम्परिक लोक गीतों को ही गाते हैं और उस धरोहर को सहेजकर आगे बढ़ा रहे हैं।और बच्चो और युवाओं को भी पारम्परिक लोक गीत ही सिखाते हैं। आप निमाड़ लोकगीत के देश एवं विदेश के कई सारे प्रतिष्ठित मंचों पर सफल प्रस्तुति दे चुकी हैं ।

आप कोरोना विभीषिका काल में सोशल मीडिया के माध्यम से 166 देश एवं विदेश के संस्थाओं में फेसबुक लाईव प्रस्तुति दी है जिसके कारण आपका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड और इसके लिए आपको कई सारे प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया गया है। आपका यह लगन और मेहनत का फल है की आप आपने जीवन में इतनी कठिन परिस्थितियों का सामना करने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी,और अपनी रुचि को अपना लक्ष्य बनाया और ससुराल में अपने सपनो को साकार करने केलिए एक ऊंची उड़ान भरने केलिए प्रयास किया है और आप आपने दम पर अपने सपनो को साकार कर रही हैं। और आपका मानना है की खुद की मेहनत से आगे बढ़ूगी और एक कृति स्थापित करूंगी और आज भी आप ससुराल में घर परिवार सबको लेकर चलते हुए प्राइवेट स्कूल में संगीत एवं नृत्य का प्रशिक्षण देने जाती हैं और खुद आपने हाथो से घर का काम करती हैं और मेहनत करने से कभी भी पीछे नहीं हटती है और जब भी समय मिलता है दिनभर में तब आप संगीत की साधना करती हैं और आपकी यही इच्छा है की आप पर सदैव मां सरस्वती का आशीर्वाद बना रहे और सभी गुरुओं और जनता जनार्दन के आशीर्वाद और सहयोग मिलता रहे और आप चाहती हैं की पूरे विश्व में निमाड़ की पारम्परिक संस्कृति और वाह की पारम्परिक लोकगीत को युवा पीढ़ी बच्चे एव जनता जनार्दन सुने, सीखे ,और गाए लोक गायक मिशा सुमित शर्मा । मिशा जी को संगीत एवं संस्कृति के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान हेतु कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।

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आपने कोरोना विभीषिका काल में संगीत एवं संस्कृति संरक्षण और मनोरंजन के उद्देश्य से सोशल मीडिया के माध्यम से विश्व के 166 देशों में संत कवि सिंगाजी के पद निर्गुण गायन की लाईव प्रस्तुतियां देकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज किया है। हिंदुस्तान म्युजिक एवं आर्ट सोसायटी कोलकाता द्वारा आयोजित भारत संस्कृति उत्सव में 11 वां राष्ट्रीय एवं 16वां अंतरराष्ट्रीय संगीत प्रतियोगिता ख्याल गायन विधा में आप प्रथम पुरस्कार विजेता हो। आपने रंगसागर परफार्मिंग आर्ट गुजरात के साथ 2000 कलाकारों ने एक साथ गीत गाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है।आपने कई लघु फिल्मों में स्वर दिया है।आपने कई बड़े मंचों पर प्रस्तुतियां दी है जिनमें प्रमुख हैं।

स्वीप संध्या हरदा में जागरूकता संबंधी लोकगीतों का गायन –

• महादेव महोत्सव महू इंदौर(म.संस्कृति विभाग)

• राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव पुणे (SCZCC)
• देखना एक दिन, साहित्य संध्या हरदा में गायन।

• भारत पर्व (स्वराज संस्थान संचालनालय भोपाल)
• ताप्ती महोत्सव बैतूल (म.प्र.संस्कृति संचालनालय भोपाल)
• रंग स्वाधीनता (संगीत नाटक अकादमी दिल्ली)
• गमक श्रंखला भोपाल (साहित्य अकादमी भोपाल)
• भुआणा उत्सव हंडिया हरदा(जिला प्रशासन)
• पचमढी़ उत्सव होशंगाबाद(जिला पर्यटन विभाग)
• गणगौर उत्सव हरदा (जिला प्रशासन)
• सुर भारती संगीत विद्यालय आरा (पटना)
• आनंद उत्सव हरदा (म.प्र.)
• भारत संस्कृति उत्सव नर्मदापुरम
• स्थानीय क्षेत्रीय गणगौर महोत्सव जिला हरदा के प्रमुख गांवों में लगभग 200 प्रस्तुतियां।

प्रमुख सम्मान एवं पुरस्कार –

राजस्व मंत्री मध्यप्रदेश द्वारा की बार सम्मानित –

• जिला हरदा कलेक्टर द्वारा सम्मानित।
• सुषमा स्वराज सम्मान 2023((मध्यप्रदेश सरकार)
• कबीर कोहीनूर सम्मान (नई दिल्ली)
• प्रथम श्री एम.टी व्यास स्त्री शक्ति पुरस्कार (मुंबई)
• सुर मधुकर सम्मान दतिया (म.प्र.)
• इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स
• 2000 कलाकारों के साथ विश्व रिकॉर्ड
• शारदीय उत्सव सम्मान (गोहाटी)
• स्वामी विवेकानंद सम्मान (गोंडा उत्तरप्रदेश)
• भारत माता अभिनंदन सम्मान (हरियाणा)
• स्वर्ण प्रतिभा सेवा सम्मान (छ.ग.)
• कर्मवीर योद्धा सम्मान (नासिक)