हरदा रबी मौसम वर्ष 2024-25 अन्तर्गत जिले में कृषको द्वारा प्रमुख रूप से गेहॅू, चना, मक्का एवं सरसों आदि फसलों की बोनी की गई है। कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि प्रसार कार्यकर्ता द्वारा लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर, कृषको को समसामायिक सलाह दी जा रही है।
जिन कृषक भाइयो द्वारा सिंचाई की जा रही है, वह किसान भाई सिंचाई को रोक दे तथा कृषक भाई लगातार फसलो की निगरानी रखे|
वर्तमान में मौसम की प्रतिकूल परिस्थिति में फसलों यथा – चना फसल में उकठा रोग के लक्षण दिखाई देने पर फंफूदनाषक दवाई टेबुकोनाजॉल + सल्फर 400 ग्राम प्रति एकड़ अथवा टेबुकोनाजॉल + ट्राइफ्लोक्सीस्ट्रोबीन 100 मि.ली. प्रति एकड़ अथवा थायोफिनेट मिथाइल + मेंकोजेब पूर्व मिश्रित फंफूदनाशक 250 ग्राम प्रति एकड़ दवाई का 100-125 लीटर पानी में पावर पंप द्वारा छिड़काव करें।
गेहॅू फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप कही-कही देखने को मिल रहा है। सर्वप्रथम कीट की पहचान इस प्रकार करे कि, जो पौधे पीले पड़ रहे है, उन्हे जड़ सहित उखाड़कर सफेद कागज या सफेद गमछे पर झटक कर देखे कि भूरे रंग के बारिक बारिक कीट चलते हुए दिखाई देने पर क्लोरोपायरीफॉस 20 प्रतिषत ई.सी. 2 लीटर बालू रेत में मिलाकर खेत में भुरकाव करे अथवा दानेदार दवाई क्लोरोपायरीफॉस, 4 से 6 किलोग्राम प्रतिएकड़ भुरकाव पष्चात् सिंचाई करे।
~ कृषक भाई खेत के चारों ओर धुआं करे साथ ही सल्फर तत्व की पूर्ति यथासंभव व्यस्था सुनिश्चित करें।