Harda Blast: नाकाम व्यवस्था, भीषण विस्फोट के बाद सामने आई दर्द की दास्तां, नाबालिग की जांबाजी और नदी में जन्मा शिशु, देखे ग्राउंड रिपोर्ट
व्यवस्था की नाकामी के परिणाम को आमजन ने जहां अपनी जान की बलि देकर कीमत चुकाई वहीं कार्रवाई के नाम पर अफसरों को जगह बदलकर सरकार द्वारा इस कलंक के टीके को ढंकने की नाकाम कोशिश की गयी है। बम और बारूद के धमाके और जनहानि से मन से टूटी जनता को अब दीवाली और अन्य खुशी के अवसर पर बम के धमाके भी इस भीषण दुर्घटना की पल पल याद दिलाते रहेंगे।
सरकार को देशभर में हरहाल में इस व्यवसाय को रहवासी क्षेत्र से दूर करना ही होगा। अवैध बारूद के ढेर और जिम्मेदारों की नपुंसकता के बीच वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण की फिक्र करती सरकार के गाल पर यह घटना एक तमाचा है।
हरदा : बैरागढ़ बारूद विस्फोट की विभीषिका के बाद आज जब मकड़ाई एक्सप्रेस टीम मामले की तहकीकात के लिए आसपास के गांव पहुंची तो हैरान करने वाली जानकारियां निकल कर सामने आई। ग्राम कड़ोला उबारी में दुर्घटना में घायल पीड़ित घर पर मिले। इनमें कोई चोटिल मरीज निकला तो किसी के शरीर पर घाव हरे मिले तो किसी के पैरों में सूजन देखने को मिली। सीएम के हरदा दौरे से पहले इन्हें छुट्टी देकर रवाना कर दिया गया। कुछ निजी अस्पतालों में ही घायलों के इलाज के दौरान उनके आर्थिक पक्ष को देख कर इलाज करने संबंधी चर्चे सुनने को मिले।
दुर्घटना स्थल के आसपास लगे खेतों में गेहूं की फसल की लगी हुई है। ठंड के मौसम व गेहूं फसल के हरे होने के चलते चिंगारियों से फसल की आग फैंल न पाई। यदि गेहूं की फसल सूखी होती तो यहां मंजर अलग होता।
इस दुर्घटना के पहले धमाके के बाद एक नाबालिग की जांबाजी का किस्सा सामने आया जो घटनास्थल से हरदा शहर की तरफ भाग कर नदी में कूदा और तैर कर उस पार पहुंचा। उसने बहुत नजदीक से धमाके की गूंज भी सुनी और भयानक मंजर को देखा। देर रात रिश्तेदार के यहां पहुंचे बालक को बहुत देर बाद मां बाप मिले।
इसी तरह खेड़ीपुरा पेट्रोल पंप के सामने बने अस्थायी बस स्टैंड के पास घरों में रहने वाली एक गर्भवती ने इस घटना को बहुत नजदीक से महसूस कर बदहवास दौड़ते भागते माहौल में बीच नदी में एक शिशु को जन्म दिया।
इस दुर्घटना में जहां दो सैकड़ा लोग घायल हुये वहीं 12 मौत भी दर्ज की गई। 7 लोगों के लापता होने की सूचना मिली है। अभी भी जांच टीम घरों को चिन्हित कर खोजबीन में लगी हैं। आज एक महिला का शव बरामद हुआ।
सियासी आरोपों प्रत्यारोपों का दौर हर हो चुका है । सोशल मीडिया में जहां राजू अग्रवाल को भाजपा व्यापारी प्रकोष्ठ का सदस्य बताया जा रहा है, वहीं राजू अग्रवाल की के विधायक आरके दोगने के साथ तस्वीर भी वायरल हो रही है।
राजू के रसूख की बात करें तो उसने अवैध कमाई के बल पर अफसर , बाबू, कलमकार आदि को साध रखा था। त्योहारों के मौके पर उपहार फटाके व लिफाफा संस्कृति के हरदा में सोशल मीडिया में जमके चर्चे हैं।
मिली जानकारी में राजू अग्रवाल किडनी रोग से पीड़ित है। सप्ताह मे 2-3 बार डायलिसिस करवाना होता है । चूंकि अब वो जेल में है इसलिए ये जिम्मेदारी जेल प्रशासन को निभाना होगी।
क्या कहना पीड़ितों का –
हरदा सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को सीएम आने के पहले ही घर भेज दिया गया। अस्पताल से जिम्मेदारों द्वारा कुछ पीड़ितों को यह कहकर घर भेज दिया गया कि तुम लोग मुआवजे के चक्कर मे यहां आए हो।
ग्राम कड़ोला उबारी और खेड़ीपुरा के बाशिंदों ने सुनाई अपनी दास्ताँ –
जुबेदा बी – (कड़ौला उबारी ) – हम वहां पर पटाखे बना रहे थे और एकदम से ब्लास्ट हुआ । हमारे सर पर पहले पत्थर लगा। सिर में चोट आई है और हमें अस्पताल में एडमिट किया गया और डॉक्टर ने वहां पर बोल दिया कि छोटा सा घाव है। घर जाओ । घर पर आराम करो घर पर ठीक हो जाएगा ।
गोली दवाई पर्चा दिया और घर पहुंचा दिया । और किसी भी प्रकार की कोई अन्य जांच नहीं की गयी।
सलीना खान, कडौला उबारी – पटाखा फैक्ट्री में एकदम से ब्लास्ट हुआ और ऊपर से पत्थर गिरे और हम सभी लोग जान बचाकर भागे । मेरे पैर में चोट लग गई जिससे मुझे चलते नहीं बन रहा है। हम सरकारी अस्पताल में गए थे वहां पर भी कुछ नहीं हुआ एक बॉटल और इंजेक्शन लगाया। कुछ दवाई दी और घर भेज दिया । हमारे घर से चार लोग काम करने जाते थे उसे फटाका फैक्ट्री में और चारों को चोट लगी है ।
महिला मजदूर – हम एक कमरे में 35 से 40 लोग काम कर रहे थे और पीछे दीवार में से जैसे ही आग लगी तो हमें लगा कि फटाका फूटा होगा जैसे रोज पटाखे फोड़ के चेक करते हैं कि फटाका फूटता है। या नहीं। तो हमें ऐसा लगा कि पटाखे फोड़ रहे हैं वैसे ही आज ही फटाका फूटा होगा पर जब दीवार टूटी हमारे पीछे की तो हमें लगा कुछ गलत हुआ है और हम वहां से भागने लगे और उसके बाद यह सब हादसा हुआ। मुझे कमर में अदरूनी चोट लगी पत्थर की गर्दन में भी लगी । हम सरकारी हॉस्पिटल हरदा भी गए थे वहां पर पट्टी करी और कुछ दवाई दी। एक्सरे की रिपोर्ट हमें नहीं दी गई । और बोल दिया कि तुम्हारा एक्सरा हो गया है अब घर जा सकते हो ।
शबाना – जब हादसा हुआ तो सभी मजदूर भागने लगे तो हम भी भागने लगे और वहां पर एक चढ़ाव था । वहां से हम गिरे और हमारे ऊपर बहुत से लोग गिरे जिसमें भगदड़ मची और मेरे पैर में चोट लगी है। पीठ में भी चोट लगी । गर्दन में भी लगी हुई है। जिससे चलने में भी बहुत दिक्कत आ रही है। और हम सरकारी हॉस्पिटल हरदा भी गए थे वहां हमें कुछ दवाई गोली थी और हम दोनों मां बेटी को कुछ दवाई देकर घर पहुंचने को कहा ।
गफ्फार खा – जब फैक्ट्री में विस्फोट हुआ हम फैक्ट्री में दूसरी मंजिल पर पटाखे बना रहे थे। और वहां पर अचानक बहुत बड़ा विस्फोट होने लगा । और जब धुआं उठने लगा फैक्ट्री में तो वहां से भागे। दूसरी मंजिल से नीचे जैसे ही आए नीचे भी फिर दूसरा धमाका होने लगा और इस हादसे में हमें चोट लगी है। हमारे परिवार के एक-दो लोग और हैं उन्हें भी लगी है जिन्हें सर में चोट आई है पेट में और पैर में चोट आई ।है चलते नहीं बन रहा है । सर बहुत दर्द कर रहा है। इसी हालत में और हम हॉस्पिटल भी गए थे वहां पर हमारे को इंजेक्शन लगाया और गोली दवाई का पर्चा देकर घर पहुंचा दिया ।
पेट्रोल पंप कर्मचारी हुए घायल –
पेट्रोल पंप काम करने वाले कर्मचारियों ने कहा की सुबह 11 बजे भगदड़ मच गई थी। फटाखा फेक्ट्री में धमाका हुआ उसके लोहे सीमेंट के टुकड़े यहां गिरे पंप पर काम कर रहे। तीन चार लोगो को चोट आई है। सरकारी अस्पताल गए लेकिन इलाज नही मिला। फिर प्राइवेट इलाज करवाया।
नाबालिग गणेश की जांबाजी –
7 साल का मासूम गणेश अपने माता पिता के साथ फटाखा फेक्ट्री में था। अचानक जब धमाका हुआ तो। सभी लोग इधर इधर जान बचाकर भागे। गणेश ने मकड़ाई एक्सप्रेस को बताया की मैंने आग देखी । बहुत जोर से आवाज आई। और पत्थर भी गिरे में वहा से भागा और दो किलोमीटर तक भागकर अपनी जान बचाई गणेश ने बताया की मुझे तैरना आता है। जब और भी लोग नदी में कूदकर अपनी जान बचाकर भाग रहे थे। तो में भी नदी में कूद गया। और हरदा की ओर आ गया। वहा में हमारे रिश्तेदार के घर रुका। देर रात दस बजे मुझे माता पिता मिले। मासूम गणेश की हिम्मत और बहादूरी से बालक की जान बच गई।
अस्थायी बस स्टैंड निवासियों ने बताया –
खेड़ीपुरा स्थित बस स्टेंड जहाँ फटाका बाजार लगता है वहां पीछे की तरफ रहने वाले स्थानीय निवासियों ने कहा कि आग की लपटें हमको लगी। और पत्थर हमारे घर के ऊपर गिरते रहे। हमारे आस पड़ोस के दो तीन बच्चो को चोट लगी है। लेकिन सरकारी अस्पताल में इलाज नही हुआ। प्राइवेट इलाज करवाया। वही हम सभी लोग जान बचाकर भागे।
नदी में हुई डिलेवरी –
इस क्षेत्र में ही एक रहवासी ने बताया कि हमारे पड़ोस की एक महिला को तो डिलेवरी होना था। नदी में तैर रकर नदी पार कराई। उसी समय नदी में ही डिलेवरी हो गई।
इधर, अस्थायी बस स्टैंड के निवासियों का कहना है कि यहाँ पर फटाखा बाजार बंद होना चाहिए, यहां गैस गोडाउन भी है। पेट्रोल पंप भी है। फटाखा फेक्ट्री कभी चालू नही होना चाहिए। हादसे के बाद मासूम बच्चे अभी भी भयभीत है। रात में नींद नही आती।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केदार सिरोही ने कहा – प्रशासन ने सबूत मिटाने का काम किया है। इनपर एफआईआर हो !
केदार बताते हैं कि वहां एक हजार लोग काम करते थे। प्रशासन ने सबूत मिटाने का काम किया है। कई घायलो का इलाज नही किया । अस्पताल में मैं कल भी घायलों के परिजनो के साथ रहा । टेंपरेचर बहुत ज्यादा था बहुत सारे लोग मरे हैं। अस्पताल में इलाज मिला नही उनकी छुट्टी कर दी गई। कई लोगो को हमने अस्पताल में वापिस दाखिल करवाया। मानवीयता खत्म हो गई। यह काला दिन था। ऐसे भ्रष्ट अधिकारी कलेक्टर, एसपी, हरदा नपा सीएमओ ,श्रम विभाग, इनपर एफआईआर होना चाहिए।