हरदा: विधायक डॉ. दोगने ने विधानसभा में उठाये जनहितेशी मुद्दे, हरदा नपा के भ्रष्टाचार को भी जोर शोर से उठाया!
हरदा :- हरदा विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने ने मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान किसानो की वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 की बीमा/मुआवजा राशि, ग्राम खेत सड़क योजना, सुदूर सड़क योजना व मनरेगा योजना, डीएपी खाद की जानकारी, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण क्षेत्र का मुद्दा, नगर पालिका परिषद हरदा द्वारा विकास कार्यों में किए गए भ्रष्टाचार का मुद्दा विधानसभा सदन में जोर शोर से उठाया।
हरदा विधायक डॉ. दोगने द्वारा म.प्र. के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री से प्रश्न किया गया कि मध्य प्रदेश में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में आई प्राकृतिक आपदा से हुई फसल नुकसानी की मध्य प्रदेश के समस्त किसानों को बीमा/मुआवजा राशि प्रदाय की गई है क्या, यदि हां तो कब व कितनी कितनी बीमा राशि प्रदाय की गई है, यदि नहीं तो उसका क्या कारण है और मध्य प्रदेश के किसानों को कब तक वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 की बीमा/मुआवजा राशि प्रदाय की जावेगी समय सीमा बताएं।
इसके उत्तर में मंत्री द्वारा गोलमोल जवाब देते हुए कहा गया कि जी हां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत खरीफ एवं रवि मौसम वर्ष 2022-23 तथा खरीफ मौसम वर्ष 2023 की फसल बीमा दावा राशि का भुगतान कर दिया गया है मुआवजा संबंधी शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। रवि मौसम वर्ष 2023-24 की केंद्रांस प्रीमियम अनुदान राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन होने से फसल बीमा दावा राशि का भुगतान लंबित है। मुआवजा संबंधी शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत खरीफ एवं रवि मौसम वर्ष 2022-23 तथा खरीफ मौसम वर्ष 2023 की फसल बीमा दावा राशि का भुगतान पात्र कृषकों को कर दिया गया है रवि 2023-24 का दवा प्रक्रियाधीन होने से समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इसी प्रकार पंचायत मंत्री से प्रश्न किया गया कि क्या शासन द्वारा संचालित ग्राम खेत सड़क योजना, सुदूर सड़क योजना, व मनरेगा योजना बंद हो गई है। यदि हां तो योजनाओं के बंद होने का क्या कारण है। यदि नहीं तो विगत 05 वर्षों में हरदा जिला अंतर्गत ग्राम खेत सड़क योजना, सुदूर सड़क योजना व मनरेगा योजना हेतु कुल कितनी राशि प्रदाय की गई है ओर शासन से प्राप्त राशि से विगत 05 वर्षों में कौन-कौन से कार्य किए गए है। मंत्री द्वारा जवाब दिया गया कि शासन द्वारा संचालित ग्राम खेत सड़क योजना, सुदूर सड़क योजना व मनरेगा योजना बंद नहीं की गई है। हरदा जिले में मनरेगा योजना अंतर्गत विगत 05 वर्षों में एफ़.टी.ओ. के माध्यम से खेत सुदूर/खेत सड़क कार्य हेतु 168.47 करोड रुपए की राशि व्यय की गई है।
विधायक डॉ. दोगने द्वारा ध्यान आकर्षण सूचना के माध्यम से नगरी प्रशासन मंत्री को अवगत कराया की मेरे द्वारा हरदा कलेक्टर एवं उच्च अधिकारियों को पत्र प्रेषित कर नगर पालिका हरदा द्वारा कराए गए कार्य 1. वार्ड क्रमांक 28 कलेक्टर ऑफिस चौराहे से पीलियाखाल होते हुए नर्मदापुरम मुख्य मार्ग तक 2.35 करोड रुपए की लागत से बनने वाले सीसी रोड में बड़ी-बड़ी दरारे एवं सड़क से घटिया उभर आने पर सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार, 2. कायाकल्प अभियान अंतर्गत बी.टी. रोड व मजबूतीकरण कार्य में ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताहीन कार्य कराए जाने व सड़क पर 8 से 10 दिन में बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने पर भी पुनः नवीन सड़क मार्ग का निर्माण कार्य नहीं कराने व ठेकेदार को राशि का भुगतान करने संबंधी शिकायत, 3. वर्ष 2019 से 2023 तक जे.सी.बी. द्वारा कराए गए कार्यों के लिए लगभग 1.50 करोड़ रुपए से अधिक की राशि व्यय की गई। उपरोक्त तीनों कार्यों में नगर पालिका हरदा द्वारा भारी भ्रष्टाचार करने संबंधी शिकायत की गई थी। जिस पर हरदा कलेक्टर द्वारा गहनता से जांच किए जाने हेतु जांच दल गठित किया गया था।
और उपरोक्त कार्यो की गुणवत्ता/तकनीकी बिंदुओं पर जांच रिपोर्ट मांगी गई थी परंतु जांच दल के अधिकारियों को तीन-तीन स्मरण पत्र दिए जाने के पश्चात भी आज दिनांक तक जांच अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। जो यह दर्शाता है कि उपरोक्त कार्यो में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। जिसकी गुणवत्ता/तकनीकी जांच कराई जाना अति आवश्यक है। अतः आपसे मेरा अनुरोध है कि उक्त प्रकरण को अपने प्राथमिकता से अपने संज्ञान में लेकर जांच कराई जावे एवं दोषियों पर दंडात्मक कार्यवाही की जावे साथ ही हरदा विधायक द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को अवगत कराया गया कि हरदा जिले में नहाल और निहाल जाति के लोग निवास रहते हैं।
दोनों जातियों के लोगों के आचार-विचार, व्यवहार एवं आपस में बेटी व्यवहार भी है। मध्य प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की सूची में निहाल जाती 27 नंबर पर अंकित है परंतु नहाल जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति में नहीं लिया गया है जिसके कारण उन्हें शासन की ओर से मिलने वाली शासकीय सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है और उन्हें परेशान होना पड़ता है अतः मेरा अनुरोध है कि नहाल जाति को निहाल जाति मानकर अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जावे। जिससे उन्हें शासन की ओर से मिलने वाली समस्त शासकीय सुविधाओं का लाभ मिल सके।