हरदा एमपी ◆बदामी – दाजी राम राम ! बात हरदे की !
●दाजी – राम राम, अरे केरे बदामी कां से आ रया भन्नाते हुए ◆बदामी – कईं नि न्हई बस स्टैंड तक गएल थो। एक होटल की खूब चर्चा सुनी तो सोच्यो जाके देखूं ●दाजी – काई देख्यो फिर ◆बदामी – अब कई बाल दिखे व्हां। एक हफ्ता म तो सब बर्तन ठीकरा माँज चमका के … Continue reading हरदा एमपी ◆बदामी – दाजी राम राम ! बात हरदे की !
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