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Harda news: सरपंच, सचिव ने बनाई ग्राम पंचायत में सीसी सड़क, विधायक अभिजीत शाह ने हाथो की उंगलियों से गिट्टी निकाल घटिया निर्माण की खोली थी पोल,बीता डेढ़ माह नही हुई कार्यवाही

सच्चाई उजागर हुई तो सरपंच पुत्र सोशल मिडिया पर भड़का, कांग्रेस ज्वाइन नही करूंगा काम लाना भी जानता हु और रोड बनाना भी, कितनी भी खबर लगा लो,कुछ भी होना नही, मकडाई एक्सप्रेस ने घटिया निर्माण की पोल खोली ग्राउंड रिपोर्ट बताई तो सोशल मीडिया पर भड़का, सूत्रों की माने तो गांव में चर्चा पंचायत में भ्रष्टाचार कर रहटगांव में खरीदा प्लाट

हरदा टिमरनी। टिमरनी विकास खंड की ग्राम पंचायत मालेगांव जो की हरदा जिले की अंतिम सीमा पर है। जिले से लेकर जनपद तक के अधिकारियों को जनपद के जन प्रतिनिधियों को समय समय पर ग्रामीण क्षेत्रों का निरीक्षण करना चाहिए लेकिन यात्रा भत्ता, गाड़ी तमाम प्रकार की सुख सुविधा लेने के बाद भी ये अधिकारी और जन प्रतिनिधि ग्रामीण क्षेत्रों के निर्माण कार्यों की जांच करने नही पहुंचते।
और जिसका फायदा ग्राम पंचायत के भ्रष्ट सरपंच सचिव खुलकर उठाते है। घटिया निर्माण के कारण गांव में बनने वाली सीसी सड़क नाली बनने के एक महीने बाद ही उखड़ जाती है।
गुणवत्ता का ध्यान निर्माण एजेंसी नही रखती। और कुछ इंजिनियर तो गांव में निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने जाते ही नहीं।
टिमरनी में बने आरईएस विभाग कार्यालय में संबंधित इंजिनियर टेबिल कुर्सी पर बैठकर आराम से काम करते हैं। मूल्यांकन ले आउट सीसी टेबिल पर बैठे बैठे ही जारी हो जाती है।

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सबसे भ्रष्ट पंचायत मालेगांव,,,,

ग्राम पंचायत मालेगांव में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। मकड़ाई एक्सप्रेस टीम ने गांव का निरीक्षण किया था। गांव की सड़के अपनी बदहाली पर आसू बहा रही थी। गांव में पिछले पांच से दस वर्षो एक भी सड़क, एक भी भवन गुणवत्ता युक्त नही बना।
सभी सड़को में गड्डे ही गड्डे है। और जो नव निर्मित सीसी सड़क अभी दो तीन माह पहले लगभग आठ लाख की लागत से बनी है।

उस सीसी सड़क से तो गिट्टी हाथो से आप निकाल सकते हो, इतना ही नहीं सीसी सड़क में से धूल उड़ रही है। जिससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। की सरपंच सचिव ने कितना घटिया निर्माण कराया होगा।
मजेदार बात यह है। की हरदा जिला पंचायत सीईओ रोहित सिसोनियां जी के संज्ञान में एक जन प्रतिनिधि और सोशल मीडिया के माध्यम से भी उनका ध्यान आकर्षित कराने के बाद भी कोई एक्शन न लेना। उनकी कार्य शैली पर सवाल खड़े करता है।
आखिर जिले के सबसे बड़े पद पर बेठे अधिकारी अपने कर्तव्यों से क्यों भाग रहे है। आखिर क्या कारण है की भ्रष्टाचार के दल दल में डूबी ग्राम पंचायतों की जांच नही होती। आखिर क्या कारण है। की वर्षो पहले कई रिकवरी के मामले आज भी अधर में लटके है।
हमने जिले में ऐसे अधिकारी भी देखे थे। की भ्रष्टाचार करने वाले सरपंच सचिव को हर आठ में दिन जिला पंचायत हाजिरी लगाने आना पड़ता था। लेकिन वर्तमान में न तो जांच हो रही न तो कार्यवाही हो रही। चुनाव बहाना था। की चुनाव कराना है। लेकिन एक जिम्मेदार अधिकारी का दायित्व यह भी है। की जनता के टैक्स का पैसा गांव के विकास में सही उपयोग हुआ की नही शासन की राशि का ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव सदुपयोग कर रहे है या दुरुपयोग। इसका पालन करवाने की जिम्मेदारी किसकी।

गरीब सरपंच ने खरीदा 5 लाख कीमत का प्लाट,पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना

मालूम हो की विश्वस्त सूत्रों का कहना है। की मालेगांव पंचायत के कर्ता धर्ता सरपंच पुत्र के द्वारा अभी कुछ माह पूर्व ही 5 लाख कीमत का एक प्लाट रहटगांव में खरीदा है। उसकी भी चारो ओर चर्चा है।
खेर ये सब जांच का विषय है। प्रशासन को शीघ्र ही इस सड़क की जांच करना चाहिए।एवं इसके साथ ही पूर्व के निर्माणधीन भवनों कार्यों की गुणवत्ता भी देखना चाहिए।