हरदा : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार आगामी 9 सितंबर शनिवार को जिला न्यायालय परिसर हरदा में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जावेगा। इसमें विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के अंतर्गत लंबित निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलो वॉट भार तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक प्रकरण, जिनमें कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि अधिकतम 50 हजार रुपए तक है, को शामिल कर निराकरण किया जावेगा। इसी श्रेणी के ऐसे प्रकरण, जो कि प्री-लिटिगेशन स्तर पर हैं, अर्थात् अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किये गये हैं, उनमें, कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं निर्धारण आदेश में दी गई समयावधि में भुगतान न करने पर लगाये गये चक्रवृद्धि ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट निर्धारित नियम एवं शर्तों के तहत दी जावेगी ।
विद्युत वितरण कंपनी के महा प्रबंधक ने बताया कि इस नेशनल लोक अदालत में, ऐसे प्रकरण जो न्यायालय में विचाराधीन हैं, में, कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं निर्धारण आदेश में दी गई समयावधि में भुगतान न करने पर चक्रेवृद्धि दर अनुसार लगाये गये ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट नियम एवं शर्तो के तहत दी जावेगी । महाप्रबंधक जिला हरदा ने सभी उपभोक्ताओं से इस नेशनल लोक अदालत का लाभ उठाकर अपने लंबित प्रकरणों का निराकरण कराने की अपील की है।
महाप्रबंधक विद्युत वितरण कंपनी ने बताया कि आवेदक को निर्धारित छूट के बाद शेष देय आकलित राशि का एक मुश्त भुगतान करना होगा। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में विद्युत चोरी और विद्युत के अनाधिकृत उपयोग के मामले में केवल एक ही बार छूट दी जाएगी। जो उपभोक्ता इस तरह की छूट पिछली लोक अदालत में ले चुके हैं, उन्हें यह छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सामान्य विद्युत देयकों के विरुद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। आगामी 9 सितंबर को आयोजित होने वाली लोक अदालत में दी जा रही छूट सिविल दायित्व राशि 50 हजार रुपए तक के प्रकरणों के लिए सीमित होगी।