खंडवा : जिले के सरकारी विभागों में लंबे समय से अधिकारी एवं कर्मचारी पदस्थ हैं। अब लोकसभा चुनाव से पूर्व निर्वाचन आयोग ने ऐसे अधिकारी एवं कर्मचारियों की सूची तलब करने के निर्देश जिला मुख्यालय को दिए हैं। ताकि निष्पक्ष की रूपरेखा तैयार की जा सके। देखा जाए तो 3 वर्ष से अधिक कोई भी कर्मचारी एक ही विभाग में पदस्थ नहीं रह सकता है लेकिन यहां तो 20-20 वर्षों से एक ही विभाग में मलाईदार पद लेकर बाबूगिरी चल रही है। चुनाव के समय ही इन अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले हो पाते हैं क्योंकि इनकी राजनीतिक पकड़ के चलते अपना तबादला भी जोड़-तोड़ कर रूकवा लेते हैं और जिनके पूर्व में तबादले हुए हैं वे पुन: जिले में पदस्थ हो गए हैं। शिवसेना प्रमुख गणेश भावसार ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिले के स्वास्थ्य, परिवहन, लोक निर्माण, वन विभाग, श्रम विभाग, नापतोल विभाग, खाद्य नागरिक आपूर्ति, आदिम जाति कल्याण, शिक्षा विभाग, उद्यानिकी विभाग, पीएचई, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग, कृषि विभाग, कृषि उपज मंडी, आबकारी, सेल टेक्स विभाग, मत्स्य विभाग, जिला उद्योग केन्द्र जैसे शासकीय विभागों में बाबू राज चरम सीमा पर है। श्री भावसार ने कहा कि शासकीय विभागों में तबादला नीति को ठेंगा दिखाते हुए बाबूगिरी फल-फूल रही है यही कारण है कि विभागों में सुनवाई नहीं होने पर अब आम जनता सीधे कलेक्टर की जनसुनवाई में बड़ी तादाद में पहुंच रहे है।ं इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी विभागों में किस तरह लोगों की सुनवाई हो रही है। इसी मुद्दे को लेकर जनसुवाई में जिला कलेक्टर को शिवसेना द्वारा पत्र सौंपेगी।
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