मकड़ाई एक्सप्रेस 24 राजनीति। हमारे देश का सबसे बड़ा लोकतंत्र का पर्व अंतिम पढ़ाव पर पहुंच गया हैं। जिसका महापरिणाम आने में मात्र कुछ ही घंटे शेष हैं जिसको लेकर तमाम तरह के कयास लगा रहे है। मतदान के अंतिम सातवे चरण के बाद चुनावी चाणक्यों ने अपने अपने गणित के अनुसार एक्जिट पोल सार्वजनिक किए हैं। लोकसभा चुनाव 2024 का मुख्य चुनाव तो कांग्रेस और भाजपा के बीच था। एक भाजपा के साथ कुछ सहयोगी दल है तो दूसरी विपक्ष में महागठबंधन है। सीधी बात है यह चुनाव दो विचारधारा का चुनाव था जिसमें लोगो बढ़चढकर भाग लिया हैं। भाजपा की विचार साफ स्पष्ट थी कि हिन्दूत्व का मुद्दा परिणाम स्वरुप वर्षो से प्रतिक्षित राम मंदिर का निर्माण। दूसरे सरकार की बहुचर्चित लाभकारी योजनाएं थी। इधर महागठबंधन ने लोगो के बीच में जाकर सरकार की नाकामी गिनाने की कोशिश की। उन्होने सरकार पर धर्म को लेकर राजनीति करना और सरकारी संस्थानो को निजीकरण करना आदि बताकर लोगो का समर्थन जुटाने की कोशिश की।
एक्जिट पोल एक तरफा मतलब कुछ भी हो सकता है
लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण का मतदान होने के तुरंत बाद एग्जिट जनता के सामने आने लगे। जिसमें 2024 में एक बार फिर मोदी सरकार बनाए जाने की बात कही जा रही हैं। एनडीए सरकार बडे़े बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। एग्जिट पोल तो पश्चिम बंगाल हैदराबाद और दक्षिण भारत में भी भाजपा का वर्चस्व दिखा रहे है जबकि सब जानते कि पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत में कांग्रेस की बहुत अच्छी पकड़ हैं। हैदराबाद में कांटे की टक्कर भाजपा ने ओवेसी के क्षेत्र में भी हल्ला बोला है। विभिन्न मीडिया संस्थानों द्वारा अपने अपने एग्जिट पोल दिए गए हैं। जिसमें भाजपा को 400 तक सीट मिलने का दावा किया हैं। देश में चुनाव के घोषणा के बाद आचार संहिता लग जाती है। ऐसे में बीच चुनाव में एग्जिट पोल या सर्वे करना कानूनी रूप से गलत होता है। नियम यह कहता है कि आखिरी चरण के मतदान की प्रक्रिया समाप्त होने के आधे घंटे बाद ही एग्जिट पोल दिखाने शुरू कर सकते हैं।
एक्जिट पोल लोकसभा चुनाव 2024
- एनडीएइंडीअन्य
- जागरण महापोल36114537
- एबीपी353-383152-18204-12
- आज तक361-401131-16608-20
- न्यूज2440010736
- इंडिया टीवी371-401109-13928-38
- टाइम्स नाउ35815233
- रिपब्लिक भारत353-368118-13343-48
( विभिन्न मीडिया संस्थानों के एग्जिट पोल हैं।हम इसमें किसी भी प्रकार का दावा नही करते हैं पाठकों की जागरुकता और व्यक्तिगत आंकलन के लिए उदाहारण मात्र बताए जातें है।)