MP News : उपेक्षा का शिकार हो रही भगवान परशुराम की तपस्थली गंगाझीरा का मलशमनेश्वर महादेव मंदिर
नर्मदा परिक्रमा में महत्वपूर्ण स्थान वर्षो से उपेक्षा का शिकार मलशमनेश्वर महादेव मंदिर के आस पास झाड़िया कचरा अदि फैला पहले जुआरियो का अड्डा बना हुआ है।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 मंडलेश्वर । भगवान परशुराम का जन्म तिथि अक्षय तृतीय पर हम भगवान परशुराम को याद करते है। मंडलेश्वर नगर में गंगाझीरा नामक स्थान अति प्राचीन बताया जाता है जिसका पौराणिक महत्व है इसके पीछे बहुत रहस्यमय कथा है।
गंगा झीरा और मलशमनेश्वर महादेव
पिता की आज्ञा के बाद भगवान परशुराम ने अपनी माता सिर काट दिया था। इसी मातृ हत्या की आत्मग्लनि के कारण उन्होने अपने आराध्य भगवान शिवलिंग का स्थापन कर का पूजन किया था यह स्थान था गंगाझौरा जहां महादेव मलशमनेश्वर कहलाए। यहां पर परशुराम जी ने वर्षो तपस्या की थी यहां पर मां गंगा का आवाहन किया। इसी कारण से इस शिवलिंग के पास स्थित कुंड गंगा झीरा कहलाया। जिसमे पानी सदैव ऊपर तक भरा रहता है। लेकिन गंगा झीरा स्थान बरसो से उपेक्षा का शिकार रहा है। एक समय तक गंगा झीरा कुंड और मलशमनेश्वर महादेव शिवालय जुआरियों एवं शराबियों का अड्डा हुआ करता था।
सनातनियों ने लिया संकल्प करेंगे सौंदर्यीकरण
अक्षय तृतीय पर सनातनियों ने संकल्प लिया है कि इस स्थान की साफ सफाई कर इसका सौंदर्यीकरण किया जायेगा।सरकार से पर्यटन की दृष्टि से इस विकसित कराने की कार्यवाही की जायेगी मप्र मंे भगवान परशुराम के जगह जगह स्थान उन्हे चिन्हित किया जाना चाहिए ताकि सनातन धर्म को सही मार्गदर्शन और दिशा मिल सकें।