प्रयागराज महाकुंभ : कुंभ स्नान से पापों का नाश होता है। और पुण्य की प्राप्ति होती है। हरदा जिले के लोगों के लिए गोमुख मठ की और से रुकने भोजन की व्यवस्था निशुल्क,
टिमरनी: ग्राम भादोगांव स्थित गौमुख मठ के संत महामंडलेश्वर पूज्य ओमकारदास महाराज, वर्तमान महंत मनोहरदस एवं टिमरनी लक्ष्मीनारायण मंदिर के महंत प्रेमदास महाराज ने प्रयागराज कुंभ 21 नंबर सेक्टर में ठहरे हुए हैं एवं बताया कि कुंभ स्नान से समस्त पापों नाश होता है एवं पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है, जब बृहस्पति और सूर्य कुंभ राशि में होते हैं तब कुंभ मेले का आयोजन होता है ।
कुंभ मेलों एक प्राचीन, ऐतिहासिक एवं धार्मिक आयोजन है जो तिथि एवं ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर तय होता है। एक अर्ध कुंभ , पूर्ण कुंभ और महा कुंभ भारत में आयोजित होने वाले प्रमुख धार्मिक मेलों के प्रकार जिनमें समय और आयोजन स्थल के आधार पर भेद होता है। अर्ध कुंभ का आयोजन हर छः साल में होता है और यह प्रयागराज और हरिद्वार जैसे स्थानों पर आयोजित किया जाता है, पूर्ण कुंभ मेला बारह साल में एक बार होता है और यह हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है क्योंकि यह व्यापक रूप से धार्मिक अनुष्ठानों और स्नान के लिए प्रसिद्ध होता है। महा कुंभ मेला जिसे महाकुंभ भी कहा जाता है 12 पूर्ण कुंभ मेलो के बाद अर्थात हर 144 वर्षों में एक बार प्रयागराज में आयोजित होता है , इसे कुंभ मेलों का महाकुंभ भी कहा जाता है। इस बार कुंभ प्रगराज में आयोजित हुआ है।
जिसमें शाही स्नान की प्रमुख तिथियां 14 जनवरी मकर संक्रांति के बाद, 29 जनवरी मौनी अमावस्या एवं 3 फरवरी 2025 बसंत पंचमी है।गौमुख मठ के संत ओमकार दास जी महाराज ने सभी धर्मप्रेमी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि यदि कोई कुंभ स्नान के लिए प्रयागराज आकर रुकना चाहे तो वह पुल नंबर 5 सेक्टर नंबर 21 जगदीश मार्ग पांच बारह भाई डांडिया खालसा में आकर रुक सकता है एवं भोजन प्रसाद प्राप्त कर सकता है, सभी व्यवस्थाएं निःशुल्क हैं। उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी दिया है ताकि असुविधा होने पर संपर्क किया जा सके ।