Harda Blast Poetry: क्या हुआ 6 फरवरी को ज़रा याद है। वो धुंआ बम धमाके जलजला याद है ।।
चीख, चिल्लाहटें, जिस्म के चीथड़े बन गए घर सभी के चिता याद है। लाशें उड़ने लगीं थी धुएं संग में , छत उड़ी दूर कितनी कहाँ याद है । नन्हा बच्चा बचाने में ख़ुद चल बसा , ज़ख्मी मां और वो झुलसा पिता याद है । तीन तेरह हुए आंकड़े इस कदर कौन कायम है … Continue reading Harda Blast Poetry: क्या हुआ 6 फरवरी को ज़रा याद है। वो धुंआ बम धमाके जलजला याद है ।।
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