MAKDAI SAMACHAR रायपुर। अक्षय तृतीया पर बीते साल की तरह इस साल भी बाजार में कोरोना की मार पड़ गई है। वैसे तो लॉकडाउन के चलते पूरे बाजार की रफ्तार धीमी है। मगर, अक्षय तृतीया में विशेष रूप से सराफा, कपड़ा, ऑटोमोबाइल का अपना अलग महत्व रहता है। शादी के मुहुर्तों के साथ ही खरीदारी के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाने के कारण अक्षय तृतीया पर जमकर खरीदारी होती है।
कारोबारियों की मानें, तो अकेले अक्षय तृतीया में प्रदेश भर में करीब 60 से 70 करोड़ रुपये का कारोबार होता है और पूरे शादी सीजन में तो यह खरीदारी 300 करोड़ रुपये के पार हो जाती है। मगर, पिछले साल की तरह इस साल भी सराफा की चमक फीकी पड़ गई है। इसी तरह कपड़ा संस्थानों में करीब 200 करोड़ से अधिक का स्टाक जाम पड़ा हुआ है।
कारोबारियों का कहना है कि अब यह सीजन तो पूरा निकल ही गया है। पूरे बाजार की रफ्तार में सुधार करीब चार महीने बाद ही आ पाएगी। सराफा व कपड़ा के साथ ही ऑटोमोबाइल की रफ्तार भी पूरी तरह से सुस्त हो गई है।
नहीं चल पाया ऑनलाइन बुकिंग का दांव
पिछले साल भी कोरोना के कारण लॉकडाउन था और संस्थानों में ताला लटका था। ऐसे समय में कुछ सराफा संस्थानों व कपड़ा संस्थानों द्वारा ऑनलाइन बुकिंग व डिलीवरी की कोशिश की गई। उपभोक्ताओं को इसके लिए लगातार मैसेज भी किए गए। कारोबारियों का कहना है कि इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा और कपड़ा, ज्वेलरी की बिक्री लोग दुकान आकर करना ही ज्यादा पसंद करते हैं। इसके चलते ही इनमें ऑनलाइन का जादू नहीं चल पाया।
लॉकडाउन खुलने का इंतजार
रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू का कहना है कि इस साल भी पिछले साल की तरह अक्षय तृतीया का बाजार धड़ाम हो गया। अब तो कारोबारियों को केवल लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं। सोने-चांदी की कीमतों में अभी उतार-चढ़ाव है। इसी प्रकार पंडरी थोक कपड़ा व्यावसायी संघ के पूर्व अध्यक्ष सुशील अग्रवाल ने बताया कि शादी सीजन के चलते कारोबारियों ने पहले से ही कपड़ों का स्टाक मंगवा लिया था। लेकिन अब माहभर से तो लॉकडाउन है और इसकी वजह से कपड़ों का स्टॉक बीते साल की तरह संस्थानों में ही जाम पड़ा हुआ है।