इंदौर। लॉकडाउन के कारण कई स्कूलों की जो ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं, उनमें छात्रों को पांच से छह घंटे तक पढ़ाया जा रहा है। अब कोई भी स्कूल तीन घंटे से ज्यादा ऑनलाइन कक्षा नहीं ले सकेगा। प्राइमरी और मिडिल स्कूल के छात्रों की कक्षाएं दो घंटे से ज्यादा नहीं लगेंगी। शनिवार को इंदौर सहोदय ग्रुप के शिक्षकों की जूम ऐप के माध्यम से मासिक बैठक हुई। इसमें शहर के 85 स्कूलों के प्राचार्य शामिल हुए। इसमें ग्रुप से जुड़े सभी स्कूलों की ऑनलाइन कक्षाओं का समय तय किया गया, ताकि छात्रों को ज्यादा समय कंप्यूटर और मोबाइल पर नहीं बिताना पड़े। ग्रुप में 130 स्कूल शामिल हैं। ऐसे में अब ये सभी स्कूल निर्धारित समय के अनुसार ही छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं लेंगे।
बैठक में तय हुआ कि नर्सरी से कक्षा दूसरी तक के बच्चों के लिए एक घंटे का स्क्रीन टाइम रहेगा। इस समयावधि में छात्रों की कक्षाएं लगेंगी। कक्षाओं के बीच छात्रों को आधे घंटे का ब्रेक भी देना होगा। इसी तरह कक्षा तीसरी से पांचवीं तक के छात्रों के लिए दो घंटे का स्क्रीन टाइम निर्धारित किया गया है। इसमें स्कूल सुविधानुसार चार पीरियड लगा सकेंगे।
हर पीरियड के बाद छात्र को 15 मिनट के दो ब्रेक देने होंगे। एक घंटे का लंच ब्रेक भी देना होगा। कक्षा छठी से नौवीं तक के छात्रों के लिए ढाई घंटे और कक्षा 10वीं-12वीं के छात्रों के लिए तीन घंटे का स्क्रीन टाइम तय किया गया है। हाइ स्कूल व हायर सेकंडरी के छात्रों की ऑनलाइन कक्षाओं के बीच उन्हें एक घंटे के बाद ब्रेक देना होगा।
– 140 सीबीएससी स्कूल इंदौर में।
– 1.25 लाख छात्र इन स्कूलों में।
– 580 एमपी बोर्ड के निजी स्कूल इंदौर में।
– 2.5 लाख छात्र इन स्कूलों में।
– 1872 सरकारी स्कूल इंदौर जिले में।
– 1.5 लाख छात्र पढ़ते हैं इन स्कूलों में।
स्कूल बताएंगे कि पढ़ाई के पहले शिक्षक क्या-क्या कर रहे तैयारी
ग्रुप के अध्यक्ष यूके झा के मुताबिक सभी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे छात्रों के स्वजन को मैसेज के माध्यम से बताएं कि शिक्षक किस तरह असाइनमेंट, नोट्स और वर्कशीट तैयार कर छात्रों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। ऐसे में यदि पालक छात्रों की फीस नहीं देंगे तो स्कूल के शिक्षकों को वेतन कहां से दिया जाएगा। पालकों द्वारा फीस नहीं दिए जाने के कारण कई स्कूल अपने शिक्षकों को अभी 50 फीसद वेतन दे रहे हैं। यदि यही स्थिति रही तो शिक्षकों को अगले दो से तीन माह बाद वेतन भी नहीं मिल पाएगा। अब सभी स्कूलों के बीच भाषण, वाद-विवाद, श्लोक, काव्य पाठ जैसी गतिविधियां करवाई जाएंगी। इसमें विजेता छात्रों को ई-सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।