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निर्वाचन आयोग ही नहीं गंभीर – मप्र मुख्यमंत्री ने भी कैमरे के सामने डाला वोट, कक्ष में हुआ फोटोसेशन, कांग्रेस के केदार ने की कार्रवाई की मांग

भोपाल ।  इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान की गोपनीयता को बिल्कुल गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। विगत दिनों जहां भोपाल में भाजपा के जिपं सदस्य विनय मेहर के पुत्र के साथ, पूर्व मंत्री कमल पटेल के पोते के साथ और कांग्रेस नेता आरिफ मसूद के बेटे के साथ मतदान करते हुए फोटो वायरल हुई और इनपर लोक प्रतिनिधित्व का मामला दर्ज हुआ।

बीते कल ही भाजपा के गोविंद सिंह की मतदान कक्ष में सपत्नीक तस्वीरें वायरल हुईं और आज उज्जैन में मप्र के सीएम ने न सिर्फ कैमरा के सामने  मतदान किया और कक्ष में ही तस्वीरें भी निकालने दीं।

अब प्रदेश के मुखिया पर निर्वाचन आयोग के नियम लागू होते हैं या नहीं । यह आयोग को देखना होगा ।

किसान कांग्रेस के केदार ने इस मामले की शिकायत सोशल मीडिया के माध्यम से निर्वाचन आयोग से की है।

क्या लिखा कांग्रेस नेता  केदार सिरोही ने –

◆ Election Commission of India

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क्या मुख्यमंत्री के लिए अलग क़ानून है? जब पूर्व मंत्री, विधायक और जनपद सदस्य पर FIR की गई तो इन्हे क्यों छूट दी जा रही है..

चुनाव आयोग ने तुरंत कार्यवाही करना चाहिए अन्यथा जिन पर कार्यवाही की गई उनकी निरस्त करना चाहिए..

एक देश एक क़ानून का मतलब तो यही है…

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◆ एक देश एक क़ानून की बात करने वाली भाजपा के नेताओं के अपने अपने क़ानून है

Election Commission of India

जब मध्य प्रदेश मे कई लोगो पर कार्यवाही की गई है तो गोविन्द सिंह को क्यों छोड़ा गया है? क्या नियम क़ानून चेहरे देख कर लागु किए जाएंगे?

CM Madhya Pradesh

हम गोविन्द सिंह के ऊपर कार्यवाही की मांग करते है, आखिर कार यह लोग इतने महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए नियम का पालन क्यों नहीं करते? यह जैसा करते जनता इन्हे फॉलो करती है इसलिए इनकी नैतिक जबाबदेही तो संविधान, लोकतंत्र और क़ानून के लिए   ज़्यदा होना होना चाहिए जो उल्टा है.

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