Ajmer Dargah Khadim Syed Gauhar Chishti : अजमेर दरगाह के बाहर भड़काऊ भाषण देने और नारेबाजी करने वाले खादिम सैय्यद गौहर चिश्ती को हैदराबाद से गिरफ्तार करने के बाद बीती रात अजमेर लाया गया। उसे शरण देने वाले एक अन्य शख्स अमानतुल्लाह से भी अजमेर में पूछताछ की जा रही है। दोनों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। अजमेर पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि 17 जून को अजमेर में मौन जुलूस निकाला गया था, लेकिन कुछ लोगों ने जुलूस की अनुमति का उल्लंघन करते हुए नारे लगाए। इस घटना के सामने आने के बाद से गौहर चिश्ती के खिलाफ केस किया गया था। कल उसकी गिरफ्तारी की गई है। जल्द कोर्ट में पेश किया जाएगा।
अजमेर पुलिस के मुताबिक, 5 सदस्यीय टीम को गौहर की तलाश में हैदराबाद भेजा गया था। टीम ने भेष बदलकर कार्रवाई को अंजाम दिया गया। आगे की जांच जारी है। बता दें, Gauhar Chishti ने ही सबसे पहले अजमेर दरगाह के बाहर नूपुर शर्मा का विरोध करते हुए ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाया था। 17 जून की इसी घटना के बाद उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या कर दी गई थी।
अजमेर के अपर पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने बताया है कि अब Gauhar Chishti को पूछताछ के लिए हैदराबाद से ट्रांजिट रिमांड पर अजमेर लाया गया है। पता चला है कि Gauhar Chishti अजमेर से उदयपुर गया था और कन्हैयालाल के हत्यारों रियाज और गौस से भी मिला था।
Gauhar Chishti का पाकिस्तान कनेक्शन
इस बीच Gauhar Chishti का पाकिस्तान कनेक्शन भी उजागर हो गया है। वह पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन के कुछ लोगों के नियमित संपर्क में था। उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच कर रही एनआईए और अजमेर में भड़काऊ नारेबाजी की जांच कर रही राजस्थान एटीएस की जांच में उक्त मामला सामने आया है।
कन्हैयालाल की हत्या में जांच के दौरान पता चला कि पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी के कुछ लोग भारत में कई लोगों के संपर्क में हैं। पाकिस्तान के 18 ऐसे मोबाइल नंबरों की पहचान की गई, जो भारत के लोगों से बात करते थे। इनमें कन्हैयालाल के हत्यारों मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद के साथ ही अजमेर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती का भी नाम सामने आया।
मेवात क्षेत्र में रियाज और गौस अपनी टीम तैयार करने में लगे थे
कन्हैयालाल हत्याकांड में एनआईए की जांच में आए दिन नए राज खुल रहे हैं। अब यह बात सामने आई है कि कन्हैयालाल के हत्यारे रियाज और गौस भी राजस्थान और हरियाणा के मेवात इलाकों में अपनी टीम तैयार करने में लगे थे। दोनों मेवात में युवाओं को दावत-ए-इस्लामी से जोड़ रहे थे। रियाज राजस्थान के भरतपुर और अलवर और साथ ही हरियाणा के नूंह की मस्जिदों में जाकर युवाओं को कट्टरता के प्रति जागरूक किया करते थे। राजस्थान के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रियाज और गौस अपना ध्यान गरीब मुस्लिम युवकों पर लगाते थे। दोनों ने मौलवियों को कट्टरता सिखाने के लिए प्रेरित किया।