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आखिर क्या मजबूरी है। कलेक्टर एडीएम साहब ?? न्याय के मंदिर में अन्याय करने वाले बाबू पर क्यो नही हो रही कार्यवाही

आखिर कब न्याय मिलेगा महिला पटवारी को कब तक चलती रहेगी तारिक पर तारिक

मकड़ाई समाचार हरदा। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भले ही महिलाओं के सम्मान उनकी रक्षा के लिए मंचो पर बड़े बड़े भाषण देते रहे लेकिन उनके साथ होने वाली घटनाओं को रोकने में प्रशासन नाकामयाब है। ऐसा ही एक मामला हरदा न्याय के मंदिर में देखने को मिला जहां शासकीय सेवा में सेवारत महिला पटवारी न्याय पाने अपने ही विभाग के बड़े अधिकारियों के सामने चक्कर लगा रही है। लेकिन जो न्याय त्वरित मिलना था। उसको पाने के लिये वह महिला संघर्ष कर रही है। शिकायत गंभीर है। 4 माह तारिक पर तारिक में निकल गई। लेकिन सत्ता पक्ष के दबाब में जिस पर आरोप लगाया गया है। उस बाबू पर कोई भी अधिकारी कार्यवाही नही कर पा रहा है। बाबू पर कार्यवाही होगी या नही परन्तु इतना जरूर है। कि अगर कार्यवाही नही हुई तो। फिर कोई न कोई आसाराम सरकार के सरक्षंण में जरूर पैदा होगा। या फिर कोई महिला परेशान होकर झांसी की रानी जरूर बन जायेगी। प्रतिदिन न्याय पाने जिस विभाग में सैकड़ो लोग आते है। न्याय करने वाले विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अपने ही विभाग की एक महिला को न्याय दिलवाने में 4 माह गुजार देते है। अधिकारियों के ट्रांसफर हो जाते है। लेकिन एक बाबू पर कार्यवाही या उसे हटाने के लिये कलेक्टर एडीएम भी नतमस्तक हो जाते है। या फिर न जाने ऐसी क्या मजबूरी है।की अधिकारी कार्यवाही को ठंडे बस्ते में डालने के लिये तारिक पर तारिक देकर मामले को रफा दफा करने में लग जाते है। पहले भी कई शिकायत हो चुकी है। इस बाबू की लेकिन इसका पत्ता तक नही हिला। क्योकि जब तक चाटुकारिता करने वाले तथाकथित अधिकारी रहेंगे तब तक ईमानदार परेशान होंगे। बेईमान राज करते रहेंगे।
आखिर कब महिला पटवारी को न्याय मिलेगा यह तो भविष्य के गर्त में छिपा हुआ है। लेकिन महिला पटवारी के साथ उसकी लड़ाई में कलमकारो की कलम हमेशा चलती रहेगी।

क्या है पूरा मामला

हरदा कलेक्टर एडीएम के आगे एक बाबू भारी पड़ गया। उस पर एक महिला पटवारी द्वारा हरदा के अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में पदस्थ एक बाबू की शिकायत एक महिला पटवारी द्वारा की गई थी। शिकायत को 4 माह से अधिक का समय बीत गया। तीन माह से तो बाबू कलेक्टर कार्यालय में तारिक पर तारिक हाजरी के लिये आ जा रहे है। लगातार पेशी चल रही लेकिन जांच अभी भी पूरी नही हुई। न्याय के इस मंदिर में अन्याय करने बाले बाबू है। एसडीएम साहब के सहायक ग्रेड 3 के संदीप शर्मा जिनपर एक महिला पटवारी ने शारीरिक एवं मानसिक रूप से परेशान करने के गंभीर आरोप लगाए है। जिसकी शिकायत महिला पटवारी ने विभाग के आला अधिकारियों को भी की गई। लेकिन न्याय के इस मंदिर में महिला पटवारी अभी भी न्याय पाने के लिये चक्कर लगा रही। लेकिन न जाने ऐसी कौन सी जांच चल रही है।या सत्ता पक्ष के किसी नेता का दबाब कि प्रशासम अपने ही विभाग की एक महिला पटवारी को न्याय दिलाने में इतनी देर क्यो कर रहा है। जब विभाग अपने विभाग की महिला की शिकायत पर कार्यवाही करने में तीन माह गुजार दे रहा न तो जांच पूरी हुई न ही बाबू को पद से हटाया । इस विभाग में आम आदमी की शिकायतो समस्याओं को कितना समय लगता होगा। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है।

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एसडीएम के रीडर सहायक ग्रेड 3 अधिकारी बाबू संदीप शर्मा का विवादों से गहरा नाता रहा है। इनकी पूर्व में भी कई शिकायतें हुई। कई शिकायतें में वक्त के साथ हालातो से समझौते कर दबा दी गई। यह पूर्व में टिमरनी में दो बार संस्पेंड भी हो चुके। हरदा में भी फर्जी प्लॉट की रजिस्ट्री के एक मामले भी इनकी शिकायत हो चुकी वह भी जांच में चल रही है। लंबे समय से जिले में डटे संदीप शर्मा की शिकायत उन्ही के विभाग की एक महिला ने की थी। महिला पटवारी ने इन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिनकी अभी भी जांच चल रही है। विभागीय अधिकारियों द्वारा भी इस मामले में चुप्पी क्यों साद ली यह बात समझ से परे है। आखिर न्याय के इस मंदिर में बैठने वाले जिला कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम सब कुछ जानकर भी इस महिला पटवारी को न्याय दिलवाने मे क्यो देरी कर रहे है। इससे कही न कही महिलाओं के आत्म सम्मान की बात करने वाले उनके अधिकारों हकों के लिये दुसरो को प्रेरित करने वाले जिम्मेदार अभी तक चुप क्यों बैठे है। जब विभाग में बैठे तथाकथित बाबू ही ऐसे घिनोने काम करके महिलाओं का शोषण करते रहेंगे। जब विभाग में ही महिलाये सुरक्षित नही रहेगी तो हम यह उम्मीद कैसे कर ले कि जिले में महिला सुरक्षित रहेगी।

गंभीर आरोप के बाद भी नही हटाया पद से,

यह पहला मामला नही है। इन बाबू का पहले भी कई बार शिकायते हुई। सूत्रों की माने तो 3 महिला पटवारी ने इनकी शिकायत की थी। लेकिन दो महिला पटवारियों को डरा धमकाकर शिकायते उठवा ली गई। लेकिन एक महिला पटवारी ने हिम्मत का परिचय देते हुए शिकायत पर अडींग रही। ओर न्याय की उम्मीद के साथ जिलाधीश महोदय को शिकायत की लेकिन अभी तक एसडीएम के रीडर पद से इस बाबू को आखिर क्यों नही हटाया गया। यह सवाल उठ रहा है। गंभीर आरोप लगे होने के बाद भी पद पर बने रहने से जांच भी प्रभावित हो रही लेकिन विभाग के आला अधिकारी आखिर क्यों मूकदर्शक बन कर देख रहे है।

तात्कालीन कलेक्टर ने हटाने के जारी किए थे आदेश भूल गए एसडीएम साहब

विवादों से गहरा नाता,ऊची पहुँच परख के कारण नही हो रही कार्यवाही। पूर्व में शिकायत के आधार पर बाबू संदीप शर्मा को तात्कालीन कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने हटाने के आदेश जारी किये थे। लेकिन एसडीएम साहब ने आज दिनांक तक उनको नही हटाया। जिसके कारण न्याय पाने की उम्मीद लेकर गुहार लगाने वाली महिला पटवारी अभी भी दर दर भटक रही है।