ब्रेकिंग
अब से किसी चौक चौराहे या सड़क पर महापुरुषों या अन्य की प्रतिमा नहीं लगेगी- हाई कोर्ट Aaj ka rashifal: आज दिनांक 8 जुलाई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे गंभीर मरीजों को रेफर करने पीएम श्री एम्बुलेंस सेवा का संचालन प्रदेश सहित जिले में संचालित Live maa narmda: मां नर्मदा का रौद्र रूप देखे वीडियो, लगातार हो रही बारिश से तेजी से बढ़ रहा जलस्तर रेत का अवैध परिवहन कर ले जा रहे 2 ट्रेक्टर ट्राली करताना पुलिस ने पकड़ी। केस दर्ज भारतीय किसान संघ रहटगांव तहसील के प्रतिनिधि मंडल ने आज हरदा कलेक्टर सिद्धार्थ जैन से मुलाकात की अब निजी चिकित्सक देंगे हरदा के संजीवनी क्लिनिकों पर अपनी सेवाएं : कलेक्टर श्री जैन ने निजी चिकित्सको... मप्र में मूँग और उड़द की खरीदी आज से प्रारम्भ!  जानिए क्या है मूँग और उड़द का समर्थन मूल्य तस्वीर देखिए सीएम मोहन यादव सरकार: धरती पुत्र किसान परिवार के महिलाएं , बच्चे , बुजुर्ग सभी खाद के... उज्जैन: मोहर्रम के जुलूस में बवाल युवकों ने बेरिकेड्स गिराये , 6 पुलिसकर्मी घायल

आय से अधिक सम्पत्ति मामले में ओम प्रकाश चौटाला को 4 साल कैद, 50 लाख जुर्माना

OP Chautala: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को आय से अधिक सम्पत्ति मामले में चार साल की कैद की सजा सुनाई गई है। सीबीआई की विशेष अदालत ने 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही उनकी चार सम्पत्तियां अटैच करने के आदेश भी दिए हैं। कोर्ट का आदेश जारी होते ही OP Chautala को गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें, इससे पहले शिक्षक भर्ती घोटाले में OP Chautala को 10 साल की कैद हुई थी और पिछले दिनों ही बाहर आए थे। आय से अधिक सम्पत्ति मामले में OP Chautala के वकीलों ने दलील दी थी कि उनकी उम्र 90 साल के करीब है और शरीर का अधिकांश हिस्सा लकवाग्रस्त है, इसलिए कम सजा दी जाए।

- Install Android App -

वहीं सीबीआई की ओर से दलील दी गई थी कि यह भ्रष्टाचारियों को इस तरह कम सजा दी गई तो देश में गलत संदेश जाएगा। कोर्ट ने सीबीआई की दलील मानी और सजा में कोई नरमी नहीं दिखाई। सीबीआई ने 2005 में मामला दर्ज किया था और 26 मार्च 2010 को आरोप पत्र दायर किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 1993 और 2006 के बीच चौटाला की वैध आय से अधिक संपत्ति अर्जित की गई थी।

सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, ओम प्रकाश चौटाला ने 24 जुलाई 1999 से 5 मार्च 2005 की अवधि के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते हुए अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों की मिलीभगत से आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।