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एक तरफ कलमा पढना दूसरी ओर खुद को शांडिल्य क्यों बता रही दीदी -गिरिराज सिंह

नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी  को बताना चाहिए कि वह एक तरफ कलमा क्यों पढ़ रही हैं और दूसरी तरफ गोत्र क्यों बता रही हैं|  गिरिराज सिंह ने कहा कि ममता बनर्जी के लोग मुझे राक्षस और चोटी कहते हैं|  उन्हें चोटी, धर्म, जय श्री राम से नफरत है| मुझे गर्व है कि चोटी मेरा ‘संस्कार’ और ‘संस्कृति’ है|  उन्हें बताना चाहिए कि एक ओर वह ‘कलमा’ क्यों पढ़ रही थीं और दूसरी ओर अपना गोत्र क्यों बता रही थीं.

गिरिराज सिंह ने कहा कि “हम विकास की चर्चा करते हैं. मुझे अपने धर्म पर, संस्कृति पर गर्व है. उनसे (ममता बनर्जी) पूछना चाहिए, उधर कलमा पढ़ रही थी इधर गोत्र बता रही हैं, न माया मिला न राम.” गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने बुधवार को एक जनसभा में अपना गोत्र बताया था|

मैं शांडिल्य हूं.-  ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने कहा था कि “अपने दूसरे चुनाव प्रचार के दौरान मैं मंदिर गई थी, जहां पुजारी से मुझसे मेरा गोत्र पूछा. मैंने कहा- मां, माटी, मानुष. इससे मुझे अपनी त्रिपुरा यात्रा की याद आती है जहां के पुजारी ने भी मुझसे मेरा गोत्र पूछा था, तब भी मैंने कहा था- मां, माटी, मानुष. असल में मैं शांडिल्य हूं.” 

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वहीं ममता के गोत्र बताने पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा था कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को अब महसूस हो चुका है कि पश्चिम बंगाल में वह जनाधार खो चुकी हैं और वह हताशा में अपने ‘गोत्र’ के बारे में बोल रही हैं, लेकिन इस ‘नाटक’ की मदद से उनकी पार्टी को विधानसभा चुनाव जीतने में कोई मदद नहीं मिलेगी. जावड़ेकर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘आप अपने गोत्र के बारे में बोल रही हैं और ‘जय श्री राम’ का विरोध कर रही हैं, दुर्गा पूजा के दौरान माता दुर्गा के प्रतिमा विसर्जन की भी अनुमति आपने नहीं दी. लोग अब सब समझ रहे हैं कि कौन वास्तविक है और कौन नहीं|

असदुद्दीन ओवैसी ने की निंदा

भाजपा नेता ने दावा किया कि राज्य की जनता भाजपा को सत्ता सौंपने का मन बना चुकी है और लोकसभा चुनाव परिणाम ने (ममता) बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को खारिज करने की जनता की इच्छा का संकेत दे दिया था| ममता के इस बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने उनकी निंदा करते हुए कहा कि- मैं उनके (ममता बनर्जी) के उस बयान कि निंदा करता हूं जिसमें उन्होंने खुद को उच्च जाति का बताने का दावा किया है. बंगाल के मुस्लिम और दलित कहां जाएंगे, जो कि वर्ण व्यवस्था का हिस्सा ही नहीं हैं? वह प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी जैसी सांप्रदायिकता की राजनीति कर रही हैं. वह एक-दूसरे के लिए ही बने हैं