मकड़ाई समाचार रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकार वार्ता की। रमन सिंह ने कहा कि इतिहास में सबसे ज्यादा असफल और अलोकप्रिय सरकार भूपेश बघेल की सरकार है। सरकार में योजनाएं सिर्फ भ्रष्टाचार के लिए, विकास के काम सिर्फ विज्ञापन के लिए किए जा रहे हैं। रमन ने कहा कि सवाल तो पूछे जाएंगे, जवाब तो देना होगा। 36 वादों का क्या हुआ, किस स्थिति में प्रदेश को छोड़ा है।
विकास के नाम पर न स्कूल, न रोड बनी। कार्यकाल आधा, भूपेश भूल गए वादा। किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं। रविंद्र चौबे ने कहा कि आठ लाख हेक्टेयर धान का रकबा घटा देंगे। वन नेशन, वन राशन स्कीम को किसान हितैषी भूपेश ने लागू नहीं किया। भाजपा सरकार ने 15 साल में 33 हजार करोड़ का कर्ज लिया। भूपेश सरकार ने 30 महीने में 36 हजार करोड़ का कर्ज लिया। सरकार के पांच साल पूरा होने तक प्रदेश पर एक लाख 30 हजार करोड़ का कर्ज हो जाएगा। सरकार को ब्याज का भुगतान 5330 करोड़ करना पड़ता है। अगले ढाई साल सवाल पूछे जाएंगे।
1.80 लाख आवास बनकर तैयार हैं, तीसरी किश्त नहीं दे रहे। रमन ने कहा कि सवाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री टीएस सिंहदेव बाबा से भी पूछेंगे। ये बहस सार्वजनिक मंच पर होनी चाहिए। बिना पूछे हम 15 साल की उपलब्धि बताएंगे।
छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का आधा कार्यकाल खत्म हुआ, अब इस सरकार की उल्टी गिनती पूरी तरह शुरू हो गई है। ढाई वर्ष का यह कालखंड जनता से किये सभी वादे को तोड़ने, धोखाधड़ी, विश्वासघात और अराजकता के काले अध्याय के रूप में ही जाना जाएगा। पवित्र गंगाजल हाथ में ले कर किये गए तमाम घोषणाओं की जिस तरह इस सरकार ने अवहेलना की है, वैसा अन्य उदाहरण देश में कोई और नहीं है।
पूर्ण शराबबंदी बनाम होम डिलीवरी :
कांग्रेस की विफलताओं की गाथा अनंत है। शराब के मामले में इस सरकार का जो आचरण रहा है, उसकी जितनी भर्त्सना की जाय, वह कम है। अक्सर ऐसा लगा कि शराब बेच कर अवैध कमाई करना ही सरकार का अकेला लक्ष्य रह गया है। पूर्ण शराबबंदी का वादा करने वाली सरकार ने शराब को होम डिलीवरी शुरू कर दी, इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है? इसके प्रदेश में इतने दुष्प्रभाव रोज दिख रहे हैं।
अभी-अभी महासमुंद में एक ही परिवार में छः आत्महत्या की ह्रदय विदारक खबरें आईं, जिसके मूल में भी शराब को ही कारण बताया जा रहा है। नकली शराब पीने से हुई मौतों को बहाना बना कर शासन ने इस कोरोना काल में दुबारा शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी। अब शराब के ऐसे दुष्प्रभावों पर भी इन्हें शर्म नहीं आयेगी? कोरोना के कठिन समय में जब व्यक्ति इलाज के लिए परेशान था, तब दवा के बदले दारू घर-घर पहुचाना जिस शासन की प्राथमिकता हो, उसे और क्या कहें?
बदहाल कानून व्यवस्था
शांति का टापू रहा अपना छत्तीसगढ़ देखते ही देखते अपराधगढ़ में बदल गया है। प्रदेश को अराजकता और अत्याचार का पर्याय बना दिया गया है। रोज यहां औसतन सात बलात्कार हो रहे हैं। शासन के ही आंकड़े के अनुसार, पिछले दो वर्ष में प्रदेश में 1828 हत्या, 1281 हत्या के प्रयास, 4939 बलात्कार, 12862 चोरी, 133 डकैती और 855 लूटपाट के मामले दर्ज किये गए हैं। यह तो किसी भी तरह दर्ज हो गए मामले हैं, इससे कई गुना मामले ऐसे होंगे जो दर्ज ही नहीं हो पाए हैं।
मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के विधानसभा क्षेत्र पाटन के बठेना गांव में एक ही परिवार के पांच व्यक्ति के संदिग्ध मृत्यु। घर से पांच पृष्ठ का एक सुसाइड नोट भी बरामद होने का दावा पुलिस का, जिसमें कथित तौर पर कर्ज और सूदखोरों की ओर से मिल रही प्रताड़ना का जिक्र है। इससे पहले दुर्ग जिले के खुड़मुड़ा गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या हो गई थी।