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केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रेत कारोबार को बढ़ावा देने,207.05 हेक्टेयर जमीन अभयारण्य से मुक्त कराई

मकड़ाई समाचार ग्वालियर|केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री व क्षेत्रीय सांसद  नरेंद्र सिंह तोमर ने रेत के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए 207.05 हेक्टेयर जमीन राष्ट्रीय चंबल वन्यजीव अभयारण्य से मुक्त करा ली है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने डी-नोटिफिकेशन करने की अनुसंशा कर दी है। इससे डी-नोटिफिकेशन के बाद यह एरिया अभयारण्य क्षेत्र के बाहर हो जाएगा, जिससे वहां से रेत की उपलब्धता स्थानीय स्तर पर ही होगी व इस व्यवसाय में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। साथ ही स्थानीय निर्माण व विकास कार्यों के लिए रेत आसानी से सस्ते दाम पर उपलब्ध होगी।

अभयारण्य से निम्नानुसार 207.05 हेक्टेयर क्षेत्र को बाहर करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया है। इसमें बड़ोदिया बिंदी (रेंज-सबलगढ़, जिला श्योपुर) का 9.49 हेक्टेयर, बरवासिन (रेंज-देवरी, जिला मुरैना) में 118.66 हेक्टेयर तथा राजघाट (पीपाराई) (रेंज- देवरी, जौरा, जिला-मुरैना) में 78.90 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल है।     

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अभयारण्य क्षेत्र में पार्वती और चंबल नदियां आती हैं, जहां श्योपुर व मुरैना जिले में रेत खदान अभी तक स्वीकृत नहीं है। सामान्यतः इस क्षेत्र में भिंड जिले से सिंध नदी क्षेत्र में स्वीकृत खदान से रेत का परिवहन होता है। डी-नोटिफिकेशन होने से रेत के अवैध परिवहन पर भी अंकुश लगेगा, वहीं संरक्षित क्षेत्र के विभिन्न उत्पादों पर चार लाख से अधिक स्थानीय आबादी प्रत्यक्ष रूप से निर्भर करती है। स्थानीय स्तर पर ही रेत खनन होने से रोजगार में वृद्धि होगी।