मकड़ाई समाचार हरदा। कोरोना संक्रमित व्यक्ति को आगे चलकर कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। संक्रमितों को चाहिए कि वे कोरोना जांच रिपोर्ट को संभालकर रखे तथा जब भी चिकित्सक के पास जाए तो उनके समक्ष सर्वप्रथम कोरोना जांच रिपोर्ट ही रखे। क्योकि चिकित्सक उसी रिपोर्ट के आधार पर ईलाज करेंगे। कोरोना जांच केंद्रों व अस्पतालों में बिना रजिस्ट्रेशन कोरोना जांच की जा रही है तथा मरीजो को बिना रिपोर्ट दिए, मौखिक रूप से बता दिया जा रहा है कि वे कोरोना पॉजिटिव है या निगेटिव। प्रशासन कोरोना संक्रमितों के सही आंकड़े को छिपाने के लिए ऐसा घातक कदम उठा रहा है। इससे कोरोना जांच के लिए बनाए गए विशेष केंद्रों के पास अधिकांश संक्रमितों की जानकारी नही होती तथा अधिकांश संक्रमितों का ईलाज ही नही हो पा रहा है। कई मरीजो की मौत तो ईलाज न होने से ही हो रही है। प्रशासन उन मौतों को कोरोना संक्रमितों की मौतों में नही गिनता। परिवारजन भी जांच रिपोर्ट न होने की वजह से यह प्रमाणित नही कर पाते कि मौत कोरोना संक्रमण से ही हुई है। कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार द्वारा कोविड-19 को आपदा घोषित किया है और कोरोनावायरस से मरने वालों के परिजनों को 04 लाख रुपये की मुआवजा राशि दिए जाने का ऐलान किया गया है। जिसके कारण भाजपा शासित राज्यो में कोरोना से मौतों की संख्या कम बताने का प्रयास किया जा रहा है ताकि हितग्राहियों की संख्या सीमित रहे। प्रशासन के इस आंकड़ेबाजी के घातक खेल को तत्काल उजागर करने की आवश्यकता है। एक मार्च 2021 से अब तक जिन्होंने कोरोना की वजह से अपने परिजनों को खोया है। उनसे आग्रह है कि वे प्रशासन, मीडिया व जनप्रतिनिधियों को जानकारी उपलब्ध कराए।
ब्रेकिंग