मकड़ाई समाचार हंडिया।हिंदू धर्म में ज्योतिषीय और धार्मिक नजरिये से वैशाख मास की अमावस्या बहुत खास मानी गई है। इस दिन चावल के आटे से बने सत्तू का भी दान किया जाता है,इसलिए इसे सत्तू अमावस्या भी कहा जाता है। अमावस्या पितरों को समर्पित होती है। इसलिए पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि वैशाख अमावस्या पर किए गए श्राद्ध से पितृ संतुष्ट होते हैं। हंडिया राजस्व निरीक्षक संतोष पथोरिया ने बताया कि वर्तमान में बढ़ते कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु जिला प्रशासन द्वारा मां नर्मदा में घाटों पर स्नान,दानपुण्य करने एवं भीड़ एकत्रित न करने हेतु पूर्णतःप्रतिबंध है इसलिए मंगलवार को राजस्व एवं पुलिस की टीम मां नर्मदा के मुख्य घाटों पर मौजूद रही।
टीम ने कुछ इक्का दुक्का स्नान करने आये श्रद्धालुओं को वापस लौटा दिया।प्रति अमावस्या पर श्री रिध्देस्वर घाट पर हजारों की संख्या में लगने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ मंगलवार को सत्तू अमावस्या पर नदारत रही। कुल मिलाकर रिद्धनाथ महादेव मंदिर परिसर पूरी तरह खाली रहा। सिर्फ मन्दिर के पुजारी जी ही पूजन पाठ करते हैं।कोरोना काल की सत्तू अमावस्या के दौरान रिध्देस्वर घाट पर तहसीलदार डॉ.अर्चना शर्मा सहित थाना प्रभारी सीएस सरियाम तथा राजस्व निरीक्षक संतोष पथोरिया विशेष रूप से मौजूद रहे।