मकड़ाई समाचार हरदा। कोविड काल में मुश्किल के समय पर सही निर्णय न लेने और मनमाने तरीके से गलत कदम उठाने के बड़े दुष्परिणाम इस समय सामने आ रहे हैं।
जिला प्रशासन और सुदूर बैठे चिकित्सक, व्हाट्सएप्प ग्रुप , सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य लोग भी जिलावासियों से उचित कदम उठाने, प्रोटोकाल का पालन भलीभांति करने का बार बार आग्रह कर रहे हैं। कृपया अफवाहों पर ध्यान न दें। इस समय स्व विवेक से काम लें।
पढ़िए और याद रखिये आपको क्या करना है और क्या न करना है। ज्यादा दिक्कत होने पर शीघ्रता से अस्पताल आकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें ।
तापमान पर रखें नज़र –
जानकारों का कहना है कि कोरोना को शुरुआत से ही पहचान उसका इलाज शुरू कर दिया जाये तो संक्रमण के बिगड़ने के चांस बहुत कम रह जाते हैं। शुरुआत में कोरोना के लक्षण शरीर के तापमान में एक दो डिग्री टेंपरेचर बढ़ने के रूप में दिखाई देते हैं और इन्हीं लक्षणों को अधिकतर लोग लापरवाही कर ध्यान दिए बग़ैर कोरोना को बढ़ने देते हैं। इसका साधारण सा लेकिन सौ प्रतिशत कारगर तरीक़ा है कि घर में थर्मामीटर रखा जाए तथा प्रतिदिन कम से कम तीन बार घर के सभी सदस्यों का तापमान लिया जाए, जिससे यह पता चल सके कि किसी भी सदस्य का शरीर का तापमान नॉर्मल से 1 या दो डिग्री अधिक तो नहीं आया है। जैसे ही टेम्परेचर में आधा या एक डिग्री अधिक आता है तो तत्काल बग़ैर इंतज़ार किये हुए संबंधित को करोना प्रोटोकॉल का पूरा पालन शुरू कर देना चाहिए। स्वयं को अाईसोलेट कर डॉक्टर से इसी स्टेज पर आवश्यक दवाएँ लेकर घर पर या कोविड केयर सेंटर पर जाकर अपना ट्रीटमेंट शुरू कर देना चाहिए। इस तरह से शुरुआत में ही यदि केवल शरीर का टेम्परेचर बढ़ने के संकेत से ट्रीटमेंट शुरू कर दिया तो मरीज़ की स्थिति सुधर जाती है तथा कोरोना की स्थिति बिगड़ने की संभावना भी नगण्य हो जाती है।
जानकारों का कहना है कि मामूली घबराहट के चलते ऑक्सीजन का लेवल सही होने पर ऑक्सीजन न लगावें। खुले कमरें में रहें। बन्द ac कमरों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का इस्तेमाल न करें।
डॉ पाटिल ने की आमजन व चिकित्सकों से अपील –
राजकुमार पाटिल जी जो कि सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग,अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भोपाल में प्राध्यापक हैं। वे लगातार फेसबुक पोस्ट के माध्यम से न सिर्फ मरीज बल्कि चिकित्सकों को आगाह कर रहे हैं।
मन से न शुरू करें दवाई –
दवाई की दुकान पर कोविड किट के नाम से कोविड में अधिकतर लिखी जाने वाली 8-10 दवाइयाँ मिल रही है, इतनी ग़ैरज़रूरी दवाइयाँ किडनी, लिवर और दूसरे अंग खराब करने के लिए पर्याप्त है
अनावश्यक जांच से बचें –
बुखार आने या खाँसी चलने पर बिना चिकित्सक की सलाह के ही कोविड संबंधी सब ब्लड टेस्ट (CBC, CRP, LDH, Ferritin, D dimer, ये प्रोफाइल, वो प्रोफाइल) की जरुरत नहीं है इससे चिन्ता बढ़ती है और कुछ नहीं होता, ऐसा मत करो ।
चिकित्सकों से अपील –
प्रिय चिकित्सकों, कोविड में लक्षणों के पहले सात दिनों के अंदर SpO2 93% से ऊपर रहता है तो स्टेराइड की गोली या इंजेक्शन नहीं देना है।