भोपाल। आषाढ़ शुक्ल पक्ष गुप्त नवरात्र का प्रारंभ 22 जून से होगा। यह पर्व सोमवार से शुरू और 29 जून सोमवार भड़ली नवमी के दिन समापन होगा। इस वर्ष गुप्त नवरात्र आठ दिन के होंगे। भड़ली नवमी के अबूझ मुहूर्त की श्रेणी में आने के कारण विवाह, नूतन गृह प्रवेश, मुंडन आदि कार्य संपन्न कराए जा सकते हैं। नवरात्र में छठवीं तिथि का क्षय शुक्रवार के दिन हुआ है, इसलिए पंचमी और छठ पूजा एक ही दिन शुक्रवार को होगी। मां चामुंडा दरबार के पुजारी रामजीवन दुबे, ज्योतिषी विनोद रावत के अनुसार गुप्त नवरात्र के प्रथम दिन सोमवार को घट स्थापना एवं देवी पूजन का शुभ समय सुबह 5.28 बजे से सुबह 7.10 बजे अमृत बेला तथा सुबह 8.52 से 10.34 बजे शुभ बेला में किया जाना विशेष शुभ रहेगा।
मां दुर्गा के नौ रूप शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्घिदात्री माता हैं, जिनकी नवरात्र में पूजा की जाती है। साथ ही दस महाविद्या देवियां तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी हैं, जिनकी गुप्त नवरात्र में पूजा-उपासना की जाती है। यह नवरात्र पर्व तंत्र साधना, जादू-टोना, वशीकरण आदि चीजों के लिए विशेष महत्व की है।
मंदिर में प्रतिदिन हवन अनुष्ठान
आयकर कॉलोनी कोटरा स्थित मां श्री पीतांबरा बगलामुखी मंदिर में 22 से 30 जून तक गुप्त नवरात्र के अंतर्गत हवन-पूजन आदि अनुष्ठान होंगे। महंत रवींद्रदास महाराज के सानिध्य में माता के नौ रूपों के निमित्त उपासना की जाएगी। प्रतिदिन यह आयोजन सुबह 7 से 11 बजे और शाम 4 से 7 बजे तक होगा। नवरात्र के समापन पर 30 जून को हवन पूर्णाहुति, आरती पुष्पांजलि और प्रसादी वितरित की जाएगी।