मकड़ाई समाचार नर्मदापुरम। भारतीय परम्परा में जब आज (13जुलाई) लोग अपने गुरू की विशालता को नमन कर रहे होंगे तब शाम के आकाश में गुरूपूर्णिमा का चंद्रमा भी साल का सबसे विशाल चंद्रमा महसूस होगा। इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि पृथ्वी से 357418 किमी दूर रहते हुये साल की सबसे नजदीक होगा इस कारण इसका आकार अपेक्षाकृत बड़ा और चमक अधिक महसूस होगी। विगत कुछ दशकों में इस खगोलीय घटना को सुपरमून नाम दिया गया है।
सारिका ने बताया कि सुपरमून शाम 7 बजे के लगभग पूर्वी आकाश में उदित होकर मध्यरात्रि में ठीक सिर के उपर होगा एवं सुबह सबेरे यह पश्चिम में अस्त होकर पूरी रात आपका साथ देगा। पश्चिमी देशों में इसे बक मून के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वहां नर हिरण इस समय अपने सींग उगाना आरंभ कर देते हैं।
सूर्य पृथ्वी से इस समय सबसे अधिक दूर है तो चंद्रमा आज पृथ्वी के पास आने जा रहा है। पृथ्वी की अंडाकार पथ पर परिक्रमा के कारण सूर्य 4 जुलाई को लगभग 15 करोड़ 21 लाख किमी दूर पर रहते हुये साल की सबसे अधिक दूरी पर था। वहीं आज चंद्रमा भी अंडाकार पथ पर पृथ्वी की परिक्रमा के कारण पूर्णिमा पर साल का सबसे नजदीक आ रहा है। सारिका ने कहा कि ध्यान या दर्शन कीजिये आपको मार्गदर्शन देने वाने गुरू का तो शाम के आकाश में रात को चमकदार बनाने वाले चंद्रदर्शन करना न भूलिये।