अनिल उपाध्याय
खातेगांव
सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक चलित पशु चिकित्सा एंबुलेंस (टोल फ्री 1962) कुछ ही दिन पहले काफी प्रचार के साथ शुरू हुई थी। ग्रामीणों को पशुओं का इलाज समय पर कराने की सुविधा भी मिलने लगी। ग्रामीण भी इस सुविधा से काफी खुश नजर आए, लेकिन यह सुविधा सुबह 10:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक की पशुपालकों को मिल रही है। शेष समय में यह सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है यदि रात में किसी पशु का एक्सीडेंट या बीमार होने पर टोल फ्री नंबर पर फोन लगाया जाता है । पशु चिकित्सक का नंबर दिया जाता है लेकिन सेवा उपलब्ध नहीं हो पाती है अवकाश के दिनों में यह सेवा पशुपालकों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है। लेकिन खातेगांव में यह एंबुलेंस तीन दिन तक शोपीस की तरह खड़ी है।कारण जानने पर पता चला की भोपाल से अलॉटमेंट होने के बाद फुल टैंक डीजल मिला था, लेकिन पहली बार का डीजल खत्म होने पर दूसरी बार नहीं भर पाया। इसके पीछे जो कारण निकलकर सामने आया वह ये कि अभी पेट्रोल पंपों से टाइअप नहीं हो पाया है। इससे स्थानीय स्तर पर इन्हें डीजल नहीं मिल रहा है। डिप्टी डायरेक्टर देवास के कार्यालय से डीजल का भुगतान होना है। इसके कारण एक माह के बाद ही डीजल का भुगतान हो पाएगा, पर पम्प मालिक 7-15 दिन से ज्यादा की क्रेडिट साइट नहीं देना चाहते।
धायली के पशु पालक ने फोन किया तो पता चला:
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गांव धायली के पशु पालक शुभम जाट ने किसी कार की टक्कर से अपनी गाय का पैर टूटने के बाद उसके इलाज के लिए 1962 पर कॉल किया। कॉल सेंटर से उन्हें एक मैसेज मिला, जिसमें डॉ. ललित यादव का मोबाइल नम्बर था। शुभम ने जब डॉ. यादव से अपनी गाय के इलाज बात कही तो डॉ. यादव ने बताया कि के लिए उन्हें एंबुलेंस लेकर धायली आने अजनास से पशु चिकित्सक आकर आपकी गाय का इलाज करेंगे। शुभम के एंबुलेंस की मांग करने पर डॉ. यादव ने बताया कि एंबुलेंस खातेगांव पशु चिकित्सालय में खड़ी है, लेकिन उसमें पिछले तीन दिन से डीजल नहीं है।
इनका कहना हे
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डॉ. ललित यादव ने बताया कि भोपाल से वाहन मिलने के बाद करीब 7-8 गांवों से कॉल आए थे, जहां जाकर पशुओं का उपचार किया। पिछले 3-4 दिन से डीजल नहीं है। इसलिए अभी एंबुलेंस नहीं भेज पा रहे हैं।