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जमीन पर वारिसो के नाम दर्ज न किए जाने के पुुराने मामले में सतना कलेक्टर को हाईकोर्ट का नोटिस

अवमानना प्रकरण में सतना कलेेक्टर कोे हाईकोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी किया
मकड़ाई समाचार जबलपुर। किसानों ने अपने कब्जे की जमीन को अपने नाम दर्ज करने का आवेदन दिया तो जिला प्रशासन ने उसे सरकारी बताकर आवेदन निरस्त किया। इस पर किसानो ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां किसानों के पक्ष में निर्णय दिया गया। निर्णय अनुसार क्रियान्वयन न होने पर कोर्ट ने सतना कलेक्टर,तहसीलदार और पटवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
जानकारी के अनुसार सतना के ग्राम कोलगवां के निवासी मोहम्मद लोकमन सहित 17 पारिवाकि सदस्यो ने याचिका दायर की थी कि कोलगवां की 35 एकड़ कृषि भूमि 1940 से उनकेे कब्जे में है।परिवार के मुखिया शेख बब्बू की 1993 को मृत्यु के बाद उसके वारिसो ने जमीन को अपने नाम दर्ज करने को जिला प्रशासन को आवेदन दिया तो तात्कालीन जिला प्रशासन ने जमीन को सरकारी बताकर आवेदन निरस्त कर दिया। मामले में सिविल कोर्ट ने 1999 में याचिकाकर्ताओ को भू स्वामी माना और अपने आदेश में याचिकाकर्ताओ को जमीन का वारिस माना। और कलेक्टर को 30 जून को निर्देश दिया गया कि उक्त जमीन की ऋण पुस्तिका दी जाए। अब जबलपुर हाईकोर्ट जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने 3 सप्ताह की मोहलत देते हुए सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा,तहसीलदार बीके मिश्रा और पटवारी विजय बहादूूर सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाब पेेश करनेे का निर्देश दिया हैं।