हरदा : जिले का प्रथम अग्निवीर बनने का सौभाग्य हरदा निवासी अंशुल राजपूत पिता भगवान सिंह राजपूत निवासी ग्रान सारंगपुर ने बनाया था। उसकी अथक मेहनत परिश्रम से उसने इस मुकाम को हासिल किया। अंशुल राजपूत ने अग्निविर परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उसके बाद वो नासिक में 6 माह से ट्रेनिग कर रहा रहा था। मिलेट्री कैंप नासिक रोड पर 6 माह की ट्रेनिग पूरी कर शनिवार को वह फौजी बनकर हरदा आया।
जहा परिवार के लोगो शहर वासियों मित्रो ने फूल माला पहनाकर रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत किया।
हम आपको बता दे की अंशुल राजपूत बचपन से अपने नाना जी आर बी सगर के यहां हरदा में रहता था। उसने शिक्षा और दीक्षा संस्कार नाना नानी से लिए। और अपनी मेहनत से देश का रक्षक बनने का सौभाग्य प्राप्त किया।शनिवार को नानाजी आर बी सगर के निवास पर आगमन पर अंशुल का तिलक लगाकर आरती उतारी।
यहाँ अंशुल ने नानी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
उसके बाद बड़ी संख्या में फौजी अंशुल राजपूत खिरकिया रवाना हुए। जहा डीजे ढोल नगाड़ों के साथ अग्निविर अशुल का नागरिकों ने जगह जगह स्वागत किया । ट्रेनिग के बाद अब अंशुल राजपूत की ड्यूटी अरुणाचल प्रदेश लगी है। कुछ दिनो के बाद वो अरुणाचल प्रदेश के लिए रवाना होगा।