भोपाल। जुलाई महीने में पानी बरसने के साथ ही आकाश में कई खगोलीय घटनाएं भी नजर आएंगी। 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। 14 जुलाई को सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह गुरु, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होगें। 20 जुलाई को सबसे सुंदर ग्रह शनि (सेटर्न) पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर होगें। 28 जुलाई को मौसम साफ रहने पर रात में तारों की बारिश दिख सकती है।
देश मे नहीं दिखेगा चंद्र ग्रहण
पांच जुलाई के दिन गुरु पूर्णिमा पर सुबह जब भारत में चंद्रमा आकाश से विदा हो चुका होगा तब दक्षिण-उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी अफ्रीका में होने जा रही शाम के दौरान चंद्रमा के अस्त होते हुए उपछाया चंद्रग्रहण दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिखेगा।
गुरु,पृथ्वी और सूर्य एक सीध में
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि 14 जुलाई की शाम को सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह गुरु, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होगें। इस शाम जब सूर्य पश्चिम में अस्त हो रहा होगा तब पूर्व में गुरु ग्रह (जुपिटर) उदित हो रहा होगा। गुरु ,पृथ्वी और सूर्य के एक सीध में आ जाना ‘जुपिटर एट अपोजिशन’ कहलाता है। इस पूरी रात आकाश में जुपिटर रहेगा। इस समय इसे देखा जाना सबसे अच्छा होगा क्योंकि यह हमसे करीब होगा।
अमावस्या को शनि, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर
उन्होंने बताया कि 20 जुलाई अमावस्या की शाम को आकाश में चांद तो नहीं दिखेगा लेकिन सबसे सुंदर ग्रह शनि (सेटर्न) पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर होगें। इसे ‘सेटर्न एट अपोजिशन’ कहते हैं। पृथ्वी के पास होने से इसे टेलिस्कोप से देखने पर इसके रिंग और इसके कुछ चंद्रमा देखे जा सकते हैं।
22 जुलाई को सूर्यादय के ठीक पहले पूर्वी आकाश में बुध ग्रह (मरकरी)को आकाश में देखा जा सकेगा। इस दिन यह सूर्य से 20 डिग्री ऊपर उठा दिखेगा। इसे मरकरी एट ग्रेटेस्ट वेस्टर्न इलोंगेशन की घटना कहते हैं।
28 जुलाई की रात को आकाश में टूटते तारों की औसत बरसात देखी जा सकेगी। इसे डेल्टा एक्यूरिड मेटियोर शॉवर कहते हैं।