ज्ञानी जी का विवादित मकान कई लोगो के नाम ! ज्ञानी जी पर किरायेदार महिला ने दुष्कर्म, ब्लैक मेलिंग का लगाया था आरोप !
बंधन बैंक में बंधक मकान की भी हो गई रजिस्ट्री, बैंक मैनेजर की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में, मकान को कर दिया था बैंक ने सील, फिर किसके आदेश से खोला केसे हुई रजिस्ट्री, पढ़ें पूरी खबर ...
मकड़ाई एक्सप्रेस हरदा : गोलमाल है भाई सब कुछ गोलमाल यह गीत पंक्ति हरदा शहर में बीते दिनो हुए एक घटना क्रम के बाद पूरी तरह चरितार्थ हो रही है। हकीकत में जो सीधे साधे दिखने का दावा करते है। वो वास्तव जिंदगी में कितने सही होते है। यह असल रूप में देखने को मिल रहा है।
आरोप प्रत्यारोप का दौर बीते दिनो हरदा शहर में चलता रहा। ऐसा ही एक मामला सामने आया जहा गोलमाल फिल्न का गाना हरदा जिले में हकीकत में हुए घटनाक्रम पर पूरी तरह खरा उतरता दिखाई दे रहा है।
क्या है मामला –
सिटी कोतवाली थाने से महज 200 मीटर की दूरी पर एक विवादित मकान में किराए से रहने वाली महिला जिसने अपने आपको पुलिस वाली बताकर व महिला के पति आमीन शेख उर्फ राज हिंदू नाम बताकर मकान शहर के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति संतोषी उर्फ ज्ञानी जी से उनका मकान किराए से लिया था। वह चार माह से वहा रह रही थी।
महिला किरायेदार ने थाने में शिकायत की थी की मकान मालिक ज्ञानी जी ने उसका अश्लील वीडियो फोटो निकालकर उसे ब्लैक मेल किया दो बार दुष्कर्म किया। और ब्लैक मेल करते हुए 4 लाख रुपए भी ऐंठ लिए। पीड़ित महिला के द्वारा हरदा एसपी सहित नर्मदापुरम संभाग आईजी और सीएम हेल्प लाइन पर भी इसको लेकर शिकायत की लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई।
इस पूरे मामले को लेकर मकड़ाई एक्सप्रेस ने बीते दिनो प्रमुखता से खबर प्रकाशित की । आरोप लगाने वाली महिला और मकान मालिक ज्ञानी जी दोनो की बात को अपने समाचार में प्रमुखता से दिखाया। और प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया।
कई लोगो के नाम मकान, आया नया मोड़ –
इस पूरे मामले में एक नया मोड़ अब सामने आ गया। जिस बहु मंजिला मकान में किराए से रहने वाली महिला पर ज्ञानी जी ने किराया नही देने और मकान पर कब्जा झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। इसको लेकर भी मकान मालिक ज्ञानी जी ने थाने में शिकायत की थी।
गोलमाल है भाई सबकुछ गोलामाल-
इस मकान का विवादो से पुराना नाता रहा है। जिस मकान को ज्ञानी जी अपना बता रहे है वो मकान पहले से कई लोगो के नाम है। इतना ही नहीं यह मकान बैंक में बंधक है। पूर्व में जिस महिला के नाम से यह मकान था उसने इस मकान के नाम से बंधन बैंक से लाखो रुपए का लोन लिया था। पैसा नहीं भरने पर बैंक ने इसे अपने वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में उक्त मकान को सील भी कर दिया था। इतना ही नहीं
पूर्व मकान मालिक ने इस मकान को बैंक में बंधक रखने के बाद इसे ज्ञानी जी को लगभग 35 लाख रुपए में बेच भी दिया। जबकि बैंक अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
क्या बैंक में फर्जी सील हस्ताक्षर से देते है एनओसी –
जब मकान मालिक महिला प्रेमलता और उसके लड़के ने इस मकान के नाम पर लाखो रुपया लोन बंधन बैंक से लिया था । ओरिजनल रजिस्ट्री बैंक के पास गिरवी थी। फिर मकान मालिक डिफाल्टर होने पर बैंक ने उसके मकान को सील कर दिया था। बैंक में पैसा जमा नही किया ऐसी स्तिथि में बैंक मेनेजर चेतन अग्रवाल ने लाखो रुपए जमा करवाए बिना ही मकान में लगी सील किसके आदेश से खुलवाई।
बैंक मेनेजर की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे है। वही महिला ने भी झूठ बोलकर बंधक मकान को बेच दिया। वही खरीददार ने भी ओरिजनल रजिस्ट्री नही देखी और मकान भी खरीद लिया रजिस्ट्री भी हो गई। तीन बहुमंजिला मकान को खरीदने के लिए इतना पैसा कहां से आया उसकी भी जांच होना चाहिए। क्योंकि इस मकान की रजिस्ट्री स्टांप पर इकरार नामा और भी लोगो के नाम से था। यह बात बैंक अधिकारी जानते थे। ऐसी स्थिति में मकान की रजिस्ट्री बैंक मेनेजर की मिलीभगत के बिना यह संभव नही। ऐसी स्थिति में इस विवादित मकान में हर जगह गोलमाल की स्थिति बनी हुई है। वही ज्ञानी जी के ऊपर उक्त महिला ने जो आरोप लगाए है। कही न कही उसकी निष्पक्ष जांच की भी आवश्यकता है। क्योंकि जो व्यक्ति सीधा साधा बनकर लाखो रुपए का विवादित मकान खरीद सकता है। कई न कही महिला की शिकायत पर पुलिस प्रशासन को संज्ञान में लेना चाहिए। वही यहां पर मकान मालिक,और जिसने मकान खरीदा उनकी जांच होना चाहिए।
पुलिस प्रशासन को जिस मकान में दुष्कर्म हुआ। उक्त मकान के बारे में भी जानकारी जुटाना चाहिए। क्योंकि मकान के मालिक कई है। और बैंक में गिरवी भी है। पुलिस को बैंक मेनेजर से भी पूछताछ करना चाहिए। की सील किए हुए मकान जब बैंक में पैसा जमा नही हुआ था तो किसके आदेश से सील तोडी गई। बैंक मेनेजर चेतन अग्रवाल को विभागीय जांच में सहयोग कर बैंक में बंधक मकान की रजिस्ट्री केसे करवाई गई। इसको लेकर भी संबधित मकान मालिक के ऊपर FIR दर्ज करवाना चाहिए। वही ओरिजनल रजिस्ट्री देखे बिना ज्ञानी जी ने भी अज्ञानी बनकर 35 लाख रुपए केसे दे दिए। यह सभी जांच के विषय है। वही इसी मकान की एक रजिस्ट्री शहर के ही व्यक्ति के पास भी है। उनके द्वारा एक साल पहले ही 40 लाख में यह मकान खरीदा गया था। इस पूरे मामले में हर जगह गोलमाल हुआ है। गोलमाल से भरे इस पूरे माम्ले में शामिल हर व्यक्ति की भूमिका की बारीकी से जांच होंन चाहिए।
क्या कहते है। बैंक अधिकारी
आपसे जानकारी मिली है। हम वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देगे। मकान सील करवाने की कार्यवाही करेगे।
चेतन अग्रवाल बैंक मैनेजरक्या कहता है खरीददार
मकान की रजिस्ट्री हुई है मेरे पास रजिस्ट्री के कागज है। और चेतन सर को पूरी जानकारी है।संतोषी उर्फ ज्ञानी जी