जबलपुर|गर्म खौलते तेल की एक बूंद भी शरीर में गिर जाए, तो सामने वाले की हालत खराब हो जाती है। लेकिन संस्कारधानी जबलपुर के व्यस्ततम व्यापारिक क्षेत्र फुहारा बाजार में एक प्रतिष्ठान ऐसा भी है, जहां आश्चर्य किंतु सत्य की तर्ज पर प्रतिदिन खौलते तेल की कड़ाही में हाथ डालकर गर्मागर्म मुंगौड़े निकाले जाते हैं। इस प्रतिष्ठान का नाम है-देवा मुंगौड़े वाले। आज से 104 वर्ष पूर्व वर्ष 1918 में जबलपुर निवासी मूलचंद जैन के पुत्र कंछेदीलाल जैन ने इस प्रतिष्ठान का शुभारंभ किया था। कालांतर में इसकी कमान देवेंद्र कुमार जैन उर्फ देवा के हाथों में आ गई, जिन्हें उनके गुरु बाबा प्यारेलाल दादा का विशेष आशीर्वाद मिला। फिर क्या था-वे कड़ाहे में उबलते तेल में हाथ डालकर मुंगौड़े निकालने में माहिर हो गए।देवा मंगौड़ा प्रतिष्ठान के शताब्दी वर्ष 2018 से दो वर्ष पूर्व ही देवा मुंगौड़ा वाले ने इस संसार को अलविदा कह दिया। हालांकि इससे पूर्व उन्होंने यह विशेष-कृपा अपने पुत्र अतुल जैन उर्फ अंकू को हस्तांतरित कर दी थी।
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