तेरी मिट्टी में मिल जावा, गुल बनके खिल जावा, है इतनी सी आरजू, देर रात तक बहती रही देशभक्ति के गीतों की बयार
मनावर पवन प्रजापत
मनावर / मंदिर परिसर में बैठे सभी श्रोता देशभक्ति की ऊर्जा से ओतप्रोत हो चुके थे ।पूरा परिसर भारत माता के नारों से गुंजित हों उठा था। तिरंगे के तीन रंगों में सजे बाबा खाटू श्याम का मनोहारी रूप सभी को देश भक्ति के रंग में भिगोकर राष्ट्र वंदना का संदेश दे रहा था।अवसर था मनावर के समीप ग्राम कुराड़ाखाल के पास स्थित श्री खाटू श्याम बैकुंठ धाम मंदिर में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित एक शाम देश के नाम कार्यक्रम का ।जिसमें गायक कलाकारों ने एक से बढ़कर एक देशभक्त के गीतों की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथि श्री मोहनदास जी महाराज एवं पुजारी श्री कपिल शास्त्री ने भगवान खाटू श्याम का पूजन किया।मंदिर समिति की ओर से सभी गायक कलाकारों का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर पंडित कपिल शास्त्री ने कहा कि भक्ति भगवान की हो या चाहे राष्ट्र की किसी भी प्रकार की भक्ति में समर्पण की आवश्यकता होती है। विश्वदीप मिश्रा ने कहा कि बरसों बरस तक गुलामी का दंश झेलने के बाद जिस प्रकार से भारत उन्नति और विकास कर रहा है ,वह हमारी ताकत, आत्मबल,स्वाभिमान और देश के प्रति समर्पण का परिणाम है। विहिप की मातृशक्ति की जिला संयोजिका दीपिका सोनी ने अखंड भारत पर प्रकाश डालते हुए अमर शहीदों को याद किया।
देशभक्ति के गीतों की देर रात्रि तक बहती रही बयार —- निकिता सिंघारे कुराडाखाल ने गणेश एवं सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। कृष्ण नर्गेश सिंघाना ने मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है, प्रफुल्ल सोनी ने है प्रीत जहां की रीत सदा, बाल गायिका शुभी पाठक ने मेरा जूता है जापानी,आशुतोष सोनी रत्न पारखी ने जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा, अंजली पांडे सिंघाना ने तेरी मिट्टी में मिल जावा गुल बनके खिल जावा, रंजना वास्केल हम्मड़ ने ए मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी, राजा पाठक ने जीना यहां मरना यहां इसके सिवाय जाना कहां, मनीष राठौर कुराड़ाखाल ने तू कितनी अच्छी है मां और मुकेश मेहता सिंघाना ने देशभक्ति पैरोडी सुनाई।वैष्णवी सोनी, मास्टर अभिनंदन शास्त्री और मोनिका लछेटा ने भी अपनी प्रस्तुति दी। देर रात तक इस कार्यक्रम में देश भक्ति की ज्योत जलती रही। कार्यक्रम में कुलदीप चौहान,गौतम केवट, पवन प्रजापत व संचालन विश्वदीप मिश्रा और आभार पंडित कपिल शास्त्री ने माना।