छतरपुर। पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने एक अनाथ बेटी को अपने चेंबर में बुलाकर अपनी ही कुर्सी पर बैठाकर उसका हौसला बढ़ाया है। पहले से ही संकल्प अभियान से पुलिस को बेसहारा बुजुर्गों का सहारा बनाने के लिए पुलिस अधीक्षक शर्मा जिले में चर्चित हैं। इस बार उन्होंने थानेदार बनने का सपना देखने वाली नेहा अनुरागी की जिस तरह से हौसला अफजाई की है, वह कम्युनिटी पुलिसिंग की एक मिसाल बन गई है।
छतरपुर शहर में कड़ा की बरिया मोहल्ले में रहने वाली नेहा अनुरागी के माता-पिता की काफी समय पहले मृत्यु हो गई है। वह 10वीं में पढ़ने वाले अपने 14 वर्षीय भाई के साथ रहकर कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर रही है। नेहा का सपना है कि वह पुलिस सेवा में जाकर समाज के लिए कुछ करे।
वह पुलिस में जाने के अपने संकल्प के साथ पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा से मिलने के लिए एसपी ऑफिस गई थी। पुलिस सेवा में जाने के उसके जुनून व जज्बे के बारे में पता चलने पर पुलिस अधीक्षक ने नेहा को अपने चेंबर में बुलाया और अपनी कुर्सी पर बैठाकर उसका हौसला बढ़ाया है।
नेहा ने बताया कि एसपी साहब ने उसे पुलिसिंग के बारे में बताया और पुलिस सेवा में जाने के सपने को पूरा करने के लिए जो हौसला दिया है, उससे वह लक्ष्य पाने के लिए और अधिक मेहनत कर सकेगी। वहीं पुलिस अधीक्षक का कहना है कि नेहा के दृढ़संकल्प वाले जज्बे ने उन्हें प्रभावित किया है। इसलिए अपनी चेयर पर बैठाकर उसे महसूस कराया है कि पुलिस के आदर्श और भूमिका कैसी होते हैं। नेहा सहित सभी बच्चों के लिए यही संदेश है कि वे अपना लक्ष्य तय करके पूरे अनुशासित तरीके से उसे पाने के लिए परिश्रम करें तो सफलता जरूर मिलेगी।