उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने देश के सबसे बड़े धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया है। वह इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को मेरठ से गिरफ्तार कर लिया। यूपी एटीएस के मुताबिक सिद्दीकी को धर्म परिवर्तिन कराने के आरोप में अरेस्ट किया गया है। उनका नाम उमर गौतम (Umar Gautam) मामले की जांच के दौरान सामने आया था। उमर को जून में पुलिस द्वारा कथित रूप से धर्मांतरण रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद जेल में डाल दिया गया था। पुलिस के मुताबिक, इस्लामिक मौलवी जामिया इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट चलाता है। जो कई मदरसों को फंड करता है। जिसके लिए सिद्दीकी पर विदेशी फंडिंग हासिल करने का आरोप है।
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘जांच में सामने आया कि मौलाना कलीम के ट्रस्ट को बहरीन से 1.5 करोड़ रुपये सहित विदेशी फंडिंग में 3 करोड़ रुपए मिले।’ इस केस की जांच के लिए एटीएस की छह टीमों का गठन किया गया है। एटीएस के महानिरीक्षक जीके गोस्वामी ने कहा कि सिंडिकेट ने भारत में लगभग एक हजार लोगों का धर्मांतरण किया है। मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को जून में दिल्ली के जामिया नगर इलाके से बधिर छात्रों और गरीब लोगों को धर्मांतरण की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।