ब्रेकिंग
हज़रत सैयद हंडिया शाह भडंग पीर बाबा की दरगाह पर सालाना 23 वें उर्स चढ़ाई चादर कलेक्टर श्री जैन ने जल गंगा संवर्धन के तहत संचालित कार्यों का जायजा लिया बड़वानी, केली, नजरपुरा, रहटग... हरदा: नागरिकों को प्रेरित करने के लिये कलेक्टर श्री जैन ने किया रक्तदान Omg: सिरफिरे  कलयुगी पति ने  चरित्र शंका मे पत्नी की नाक  और स्तन काटे, प्राइवेट पार्ट पर चाकू से कि... सावधान कोरोना  मप्र मे पसार रहा पैर अब तक मिले 30 मरीज Big breaking news: मध्यप्रदेश में सड़क हादसे में 9 की मौत, ट्राला ने ओमनी वाहन को कुचला, मृतकों में ... शिक्षक नाम को शर्मसार किया कलयुगी शिक्षक बेटों ने जमीन के टुकड़े के लिए  शिक्षक बेटों ने  पिता को का... हरदा: मूंग खरीदी की मांग, सोई हुई सरकार को जगाने किसान आक्रोश मोर्चा की आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल, ... हरदा: उपभोक्ता आयोग का आदेश: 7 किसानों को बैंकों द्वारा दिये जाऐंगे फसल बीमा राशि के 2.50 लाख रूपये टिमरनी :मूंग खरीदी के संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में सभी व्यापारियों से किसानों को मूंग के उच...

नबन्ना चलो मार्च के दौरान कई जगहों पर हिंसा और तोड़फोड़, नये जोश में दिखी बीजेपी

Nabanna Chalo March: पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा के नबन्ना चलो मार्च के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हुई। इस आंदोलन में ढाई सौ से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ता और 50 से ज्यादा पुलिसमकर्मी घायल हुए। भारी संख्या में पहुंचे बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी पूरी ताकत झोंक दी और वाटर कैनन से लेकर आंसू गैस और लाठियों तक का इस्तेमाल किया। लेकिन इस कार्रवाई से मामला और ज्यादा बढ़ गया और प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। कोलकाता के असिस्टेंट कमिश्नर के हाथ में फ्रैक्चर हो गया है। इसके अलावा कई जगहों से तोड़फोड़, पत्थरबाजी और हिंसा की खबरें भी मिली हैं।

किस मुद्दे पर हो रहा था विरोध-प्रदर्शन?

शिक्षक घोटाले में ममता सरकार के मंत्री का नाम सामने आने के बाद बीजेपी ने हमलावर रुख अख्तियार कर लिया है। कुछ हफ्तों से पश्चिम बंगाल में लगातार ईडी और सीबीआई की छापेमारी चल रही है। ममता सरकार के कई मंत्री एजेंसियों की रडार पर हैं और कुछ गिरफ्तार भी हो चुके हैं। बीजेपी ने भ्रष्टाचार के इन्हीं मुद्दों को लेकर प्रदर्शन का ऐलान किया था। कोलकाता में सचिवालय तक मार्च निकालने का फैसला हुआ, जिसे नबान्न चलो मार्च का नाम दिया गयाय़ लेकिन पुलिस ने ना तो इस मार्च की अनुमति दी ना ही शांति से मार्च निकलने दिया। उन्होंने इसे रोकने की पूरी तैयारी की और प्रदर्शनकारियों को रास्ते में ही रोक लिया गया।

- Install Android App -

क्या हैं राजनीतिक संकेत?

माना जा रहा है कि बीजेपी को पश्चिम बंगाल में एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ममता सरकार कुछ बोल नहीं पा रही और बीजेपी कार्यकर्ताओं में नया जोश आ गया है। इस आंदोलन से बीजेपी को नई जान मिलने की उम्मीद है। अब पार्टी इसी आक्रामकता के साथ 2024 चुनावों पर फोकस कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब पश्चिम बंगाल में बीजेपी शांति से नहीं बेठेगी और उसके आंदोलनों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी। भ्रष्टाचार के मामले में जब तक ममता बनर्जी कड़ा रुख नहीं अपनाती, जनता में बीजेपी को लेकर सहानुभूति रहेगी और उसका जनाधार और जनसमर्थन बढ़ता जाएगा।