नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर बोला करारा हमला, जीतू पटवारी पर विधानसभा में गलत जानकारी देने का आरोप
मकड़ाई समाचार भोपाल। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी द्वारा सरकारी खर्चे से भाजपा कार्यालय में चाय-नाश्ता और भोजन की व्यवस्था करने के आरोपों को संसदीय कार्य मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने झूठ का पुलिंदा बताया है। डा मिश्रा ने शुक्रवार को विधानसभा सभागार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जीतू पटवारी ने कल (गुरुवार को) सदन में बार-बार झूठ बोला। पटवारी ने सदन में कहा था कि अध्यक्ष महोदय, जनसंपर्क विभाग से भाजपा कार्यालय में 90 बार भोजन हुआ। इसके दस्तावेजों को लहराते हुए पटवारी ने कहा कि इन दस्तावेजों में भाजपा कार्यालय लिखा हुआ है और अधिकारियों के हस्ताक्षर से दिया हुआ है, अगर यह नकली हो तो मेरी सदस्यता निरस्त की जाए।
डा मिश्रा ने कहा कि इस पूरे मामले में जीतू पटवारी ने झूठ बोलने में सदन का उपयोग किया, अपने आप को महिमा मंडित करने के लिए और झूठ बोलकर भाजपा और सरकार को बदनाम किया। डा मिश्रा ने कहा कि प्रश्न और संदर्भ समिति के विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष को इसकी शिकायत दिलवाएंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे। इस तरह से इनको नहीं छोड़ा जाएगा। कांग्रेस झूठ और भ्रम का सहारा लेकर राजनीति करती है। 131 करोड़ रुपये के घोटाले और इससे जुड़े अधिकारियों की भी जांच कराएंगे। यह सब जांच के बिंदु हैं और इन सब पर कार्रवाई होगी।
मंत्री डा मिश्रा ने कहा कि पवित्र सदन का उपयोग अपने पाप के लिए कोई व्यक्ति कैसे करता है, ये नजारा कल देखने को मिला। कोई व्यक्ति अपने हितों के लिए कैसे अपनी पार्टी को गर्त में ले जाता है यह भी सदन के अंदर देखने को मिला। सदन के अंदर बड़ी विचित्र स्थिति थी। सरपंच (कमल नाथ) और उप सरपंच (डा गोविंद सिंह) दोनों गायब थे और अन्य लोग श्रेय लूटने की होड़ कर रहे थे। बिना ड्राइवर और कंडक्टर के गाड़ी चल रही थी। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष कमल नाथ कहते हैं कि मैं सदन में भाजपा की बकवास सुनने नहीं जाता, लेकिन कल देखने में आया कि उन्होंने अपनी पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव को ही बकवास मान लिया। कल कांग्रेसियों में सदन के अंदर इस बात की होड़ लगी थी कि कौन कितना झूठ बोल सकता है।
डा नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार में तैयार किए गए विधानसभा के प्रश्न के उत्तर का परिशिष्ठ अ सदन में लहराया था, लेकिन परिशिष्ठ ब में स्पष्ट लिखा गया है कि भाजपा कार्यालय में भोजन का पूरा भुगतान भाजपा के द्वारा किया गया। कांग्रेस सरकार ने भाजपा को बदनाम करने के लिए प्रश्न का ऐसा उत्तर उस समय दिलवाया। 131 करोड़ का जनसंपर्क का घोटाला कमल नाथ की सरकार के समय हुआ था, उसको विषयांतर्गत करने के लिए यह प्रयास किए गए। ये उनकी सरकार का सवाल था, उनकी सरकार में जवाब बनाया गया। इसमें भाजपा तो थी नहीं, फिर भी सवाल में भाजपा पूछा गया। भाजपा को बदनाम करने का यह एक षड्यंत्र था। इसमें जीतू पटवारी स्वयं इसलिए फंस गए, क्योंकि जवाब में जनसंपर्क और जीएडी ने जानकारी निरंक लिखी थी कि इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। यह होटल पलाश के बिल थे, यहां तो सभी का बिल होता है। मंत्री डा मिश्रा ने कहा कि विधानसभा में सदन की स्थिति यह थी कि पहले ड्राइवर (कमलनाथ) गायब हुआ और बाद में कंडक्टर (डा गोविंद सिंह) गायब हुए। ये लोग तो चले गए और अन्य लोगों ( कांग्रेसियों) ने अपने नंबर बढ़ाने के चक्कर में पूरी बस को ही खड्ढे में उतार दिया।