मकड़ाई समाचार दतिया। इंदरगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में नवजात की माैत काे लेकर आक्राेशित परिजनाें ने खासा हंगामा किया। स्वजनों का आरोप था कि अस्पताल में पदस्थ नर्स स्टाफ द्वारा समय पर डिलीवरी नहीं कराए जाने से नवजात बच्ची के मुंह में गंदा पानी चला गया, जिससे उसकी मौत हुई है। हंगामे की सूचना पर इंदरगढ़ थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर स्वजनों को समझाबुझाकर शांत किया। इस मामले में स्वजनों ने अस्पताल स्टाफ के विरुद्ध आवेदन भी पुलिस को दिया है। जिस पर जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद स्वजन शांत हुए और मृत नवजात बच्ची को लेकर वापस लौट गए।
इंदरगढ़ स्वास्थ्य केंद्र में महिला सोनू पटवा पत्नी प्रदीप पटवा उम्र 30 साल निवासी दोहर को गत दिवस डिलीवरी के लिए स्वजन इंदरगढ़ अस्पताल लेकर पहुंचे थे। स्वजनों का आरोप है कि महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, लेकिन स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया। साथ ही जल्दी डिलीवरी कराने के लिए उनसे रुपयों की मांग भी की। करीब 3 घंटे बाद जब प्रसूता की हालत गंभीर हो गई बच्चा बाहर आने लगा तब अस्पताल की नर्सों ने डिलीवरी कराई। जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ने पर उन्हें दतिया जिला अस्पताल भेजा गया। यहां भी नवजात की हालत गंभीर होने पर झांसी रेफर किया गया। वहां से भी चिकित्सकों ने उसे ग्वालियर भेज दिया, जहां नवजात की मौत हो गई। स्वजनों के मुताबिक चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि डिलीवरी में देरी के कारण बच्ची की मौत हुई। इस बात से नाराज स्वजन गांव के लोग व रिश्तेदारों के साथ मंगलवार सुबह मृत नवजात बच्ची का शव लेकर इंदरगढ़ अस्पताल पहुंच गए और हंगामा किया। थाना प्रभारी की समझाइश के बाद स्वजन वापस लौटे। वहीं इस मामले में अस्पताल बीएमओ डा.वीर सिंह का कहना था कि वह मीटिंग में दतिया आए हुए हैं, उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है।