अवैध उत्खनन जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर भाट परेटिया का मामला
जल जंगल और जमीन के संरक्षण को लेकर सरकार द्वारा लाखों रुपये बजट के रुप मे विभिन्न संस्थाओ को दिया जा रहा है।पेड़ लगाओं,संमृद्धि लाओ और नदी बचाओं को लेकर गांव से लेकर राजधानी भोपाल तक कई संस्थाएं काम कर रही है। सरकार और प्रशासन द्वारा समय समय पर प्रकृति और पर्यावरण को बचाने के लिए कार्यक्रम किए जा रहे है।जनप्रतिनिधि अधिकारी समाजसेवियों द्वारा पौधे लगाकर लोगो को प्रेरित किया जा रहा है,ताकि फैलते हुए प्रदुषण को रोकेने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण को बचा सकें।
मकड़ाई समाचार,हरदा।जिले मे 5 जून को प्रदेश के सीएम शिवराजसिंह चैहान कृषि मंत्री कमल पटेल के द्वारा विडियो कंाफ्रेसिंग माध्यम से प्रकृति प्रेमी सुभाष संस्था अन्य किसानों के साथ वीडियों कार्फेसिंग के माध्यम से नदी बचाओं समृद्धि लाओ लोगो से अपील की थी। ज्यादा से ज्यादा पेड लगाए और नदियों को सुरक्षित संरक्षित रखने के लिए नदी किनारे पेड़ लगाकर भूमि कटाव को रोका जाए।इसी के साथ जिले में नर्मदा किनारे सहित अन्य स्थानों पर पेड़ पौधे लगाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है।
रातो रात कट रहे है,हरे भरे पेड
वहीं दूसरी ओर प्रशासन के नाक के नीचे लकडी़ माफिया बेखौफ होकर हरे भरे पेड़ो को आरामशीन से रातो रात काट कर अलसुबह उसका परिवहन कर रहा है।जिला मुख्यालय पर प्रतिदिन टैªक्टर ट्राली में भर कर आम नीम सहित छायादार फलदार पेड काट कर आरा मशीनो पर जा रहे है।बिना परमिशन के प्रतिदिन जिले में कई जगह पेड़ कट रहे है,लेकिन राजस्व अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया जा रहा हैं। जबकि ग्रामीण क्षे़त्रो में पटवारी आरआई प्रतिदिन भ्रमण पर रहते हैं।उनकी आंखो के सामने लकड़ी माफिया पेड़ काटकर माल का परिवहन कर रहा है।
पेड़ काटकर’ठूंठो को भी जला दिया
कई जगह खेतो में जले हुए पेड़ो को ठूुंठ भी पडे हुए।इनके द्वारा कोई कार्यवाही नही किया जाना कही न कहीं लकड़ी माफिया के प्रति सांठ-गांठ का इशारा करता हैं।ऐसा ही एक ताजा मामला करीबी ग्राम भाट परेटिया में देखने को मिला।जहां रन्हाई रोड पर एक आम का विशाल पेड़ आरा मशीन से काट दिया गया।जिसमें बीते सालो तक आम लगा करते थे।इसके अलावा इसी मार्ग पर आगे कई ऐसे पेड़ काट दिए गए है।सबूत मिटाने उनके ठूंठो को भी जला दिया गया है।
पिछले 2 साल से नदी किनारे लगातार हो रही अवैध खुदाई
पटवारी आरआई ने एक को भी नही दिया नोटिस
इसी गांव में नदी के किनारे ही ईंट भट्टा और अन्य खनिज माफियाओ द्वारा लगातार मिटटी की खुदाई की जा रही है।लेकिन देखने की फुर्सत किसी भी अधिकारी को नही है।ये भी मुख्य मार्ग पर ही स्थित हैं।नदी एवं सड़क किनारे लगभग 10-10 फिट गहरी खाई खोद दी गई भविष्य में अगर तेज या लगातार बारिश होने पर बाढ की स्थिति बनने पर किनारो की मिट्टी का कटाव होगा।जो कि आने वाले समय में यहां पर पानी का फैलाव होगा।इससे यहां पर आने वाले समय पर सरकार को पुल बनाने में लाखो रुपयो का खर्च होगा।जब अवैध मिट्टी खनन और हरे भरे पेड़ कटने के संबंध में हलका पटवारी आकाश कुशवाह से संपर्क करना चाहा तो उन्होने कहा कि वह पेड़ बहुत पुराना था और किसान की निजी भूमि पर था उसने अनुमति ली है। लेकिन सवाल यह उठता है कि तीन महिने पहले तक हरा भरा और फलदार था और इस पेड़ के नजदीक से विद्वुत लाईन निकलती है और न कोई कारण था।जिससे पेड़ काटना जरुरी था।प्रत्यक्षदर्शी ओर राहगीर रामभरोस,घनश्याम ने बताया कि गर्मियो के दिन में यहां पर रुका करते थे।पिछले साल इस पेड़ में बहुत आम के फल लगे हुए थें।पेड़ को काटने की परमिशन आखिर किस आधार पर मिली ।यह बात समझ के परे है।वहीं कई जगहों पर ऐसे पेड़ खडेे़ जिनसे जान माल की हानि होने की संभावना है।उन्हे कटवाने के लिए लोगो को अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते है।हरे पेड़ के बारे में स्थानीय ग्राम पंचायत सचिव उमाशंकर गौर से भी जानकारी ली उन्होने कहा कि मुझे भी जानकारी प्राप्त हुई थी।इस संबंध में पटवारी श्री कुशवाह से मोबाईल पर संपर्क किया तो उन्होने बताया कि यह सड़क और आम का पेड़ किसान की भूमि पर ही है।मैने उसका पंचनामा भी बनाया है और उसने अनुमति भी ली है।
इनका कहना है – आपके द्वारा मामला संज्ञान मे लाया गया है।हम जांच करवा कर दोषी पाए जाने पर उचित कार्यवाही की जायेगी। – पिंकी वाघमारे तहसीलदार हरदा