परिवादी को वापस नहीं मिल रहा न्यायालय शुल्क, एसडीएम कार्यालय में लेटलतीफी, लोक अदालत में सुलझा प्रकरण !
मकड़ाई समाचार हरदा । हरदा लोक अदालत में एक परिवाद में समझौता होने के बाद न्यायालय द्वारा परिवादी को 13000/- रु न्यायालय शुल्क वापिस लेने का अधिकारी बता कर 1 जुलाई 2022 प्रमाण पत्र जारी हुआ था। लेकिन आज दिनांक तक परिवादी कितिन अग्रवाल को न्यायालय शुल्क वापिस नहीं मिला है।
मालूम हो, यह प्रमाण पत्र प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा अपील प्रकरण क्रमांक 62/ 2019 में पारित आदेश 28 मई 2022 के परिपालन में जारी किया गया।
परिवादी कितिन अग्रवाल ने प्रमाण पत्र मिलने के बाद 8 जुलाई को एसडीएम कार्यालय हरदा में शुल्क वापसी हेतु आवेदन दिया था। आज दिनांक तक एसडीएम कार्यालय हरदा में अधिकारी के समक्ष फ़ाइल होने, दस्तखत न होने की बात कार्यालय कर्मचारी द्वारा बताकर शुल्क वापिसी में विलंब किया जा रहा है।
शुल्क प्राप्ति में विलंब को लेकर परिवादी कितिन बताते हैं कि माननीय न्यायाधीश , माननीय उच्चतम न्यायालय माननीय उच्च न्यायालय सहित कलेक्टर आदि सभी मिलकर अधिक से अधिक प्रकरण लोक अदालत में समझौते के तहत समाप्त करने की कोशिश करते हैं । ऐसी सफल कोशिशें जिनमे समझौता होकर प्रकरण निराकृत होते हैं। न्यायालय के शुल्क वापिसी आदेश का परिपालन तय सीमा में होना चाहिए। जिससे परिवादी के आर्थिक हित की रक्षा हो सके ।
मिली जानकारी में यह मामला सक्षम अधिकारी के संज्ञान में आ गया है। देखना यह है कि माननीय न्यायाधीश के आदेश का पालन कर परिवादी को न्यायालय शुल्क कब तक प्राप्त होता है ।